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नई दिल्ली: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित किया। पीएम मोदी न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने संबोधन की शुरुआत कर कहा, पिछले 1.5 वर्षों में, पूरी दुनिया 100 वर्षों में सबसे खराब महामारी का सामना कर रही है। मैं उन सभी को श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने इस घातक महामारी में अपनी जान गंवाई है और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।
उन्होंने कहा, 15 अगस्त को भारत ने आजादी के 75वें साल में प्रवेश किया। हमारी विविधता सशक्त लोकतंत्र की पहचान है। ये विविधता वाइब्रेंट डेमोक्रेसी की ताकत है। आज मैं प्रधानमंत्री के तौर पर चौथी बार यूएनजीए को संबोधित कर रहा हूं। सबसे लंबे समय तक गुजरात का मुख्यमंत्री और अब भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर भारत की सेवा करते हुए 20 साल हो रहे हैं।
पीएम मोदी ने प्रॉपर्टी राइट्स पर बात की। उन्होंने कहा, हम 6 लाख से अधिक गांवों में ड्रोन से करोड़ों लोगों को डिजिटल रिकॉर्ड देने में जुटे हैं। ये रिकॉर्ड प्रॉपर्टी पर विवाद कम करने के साथ ही बैंक लोन तक लोगों की पहुंच बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा, भारतीय लोग दुनिया के कोने-कोने में मौजूद हैं। जब भारत तरक्की करता है, तब दुनिया तरक्की करती है।
पीएम मोदी ने कोविड वैक्सीन पर कहा, भारत ने दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन विकसित कर ली है। जिसे 12 साल से अधिक के लोगों को लगाया जा सकता है। पीएम मोदी ने वैक्सीन मेन्यूफेक्चर्स को संबोधित करते हुए कहा, हमारे साथ आकर काम कीजिए।
उन्होंने कहा, यह सिद्धांत ('अंत्योदय' - जहां कोई भी पीछे नहीं रहता) को ध्यान में रखते हुए है कि भारत आज एकीकृत न्यायसंगत विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। हमारी प्राथमिकता है कि विकास सर्व समावेशी, सर्वव्यापक, सार्वभौम और सभी का पोषण करने वाला हो।
उन्होंने कहा, बीते 7 वर्षों में भारत में 43 करोड़ से ज्यादा लोगों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा गया है। 36 करोड़ से अधिक ऐसे लोगों को बीमा कवच मिला है, जो पहले इस बारे में सोच भी नहीं सकते थे। 50 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त इलाज का लाभ देकर उन्हें क्वालिटी हेल्थ से जोड़ा गया है।
आतंक पर वार
पीएम मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर कहा, जो देश आतंक को टूल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, उनके लिए भी यह उतना ही बड़ा खतरा है। उन्होंने आह्वान करते हुए कहा, हमें ये ध्यान रखना होगा कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंक के लिए न हो। एक टूल के लिए कोई भी इसे आंतक को इस्तेमाल करने की कोशिश न करे।
उन्होंने आगे कहा, अफगानिस्तान में महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों को मदद की जरूरत है और इसमें हमें अपना दायित्व निभाना होगा। हमारा समंदर हमारी साझी विरासत है, इसलिए हमें ये ध्यान रखना होगा कि ओशियन रिसोर्सेज को यूज करें, मिस यूज नहीं हो।
यूएनजीए में पीएम मोदी के संबोधन से पहले संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल, विदेश सचिव हर्ष वी श्रृंगला और संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस संधू नजर आए।
वाशिंगटन में ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के नेताओं के साथ अपने पहले व्यक्तिगत क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद पीएम मोदी न्यूयॉर्क पहुंचे। प्रधानमंत्री ने व्हाइट हाउस के ओवल कार्यालय में अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी मुलाकात की।
न्यूयॉर्क पहुंचने पर, पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि वह शाम 6:30 बजे (भारत समय) यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली (UNGA) को संबोधित करेंगे। अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू और संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने हवाई अड्डे पर पीएम मोदी की अगवानी की।
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