नई दिल्ली: अपने आका चीन के उकसावे में आकर पाकिस्तान ने POK के गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके को हड़पने की तैयारी कर ली है। गिलगिट-बल्टिस्तान अब तक PoK की तरह पाकिस्तान का ऑटोनॉमस रीजन यानी स्वायत्त क्षेत्र था, लेकिन अब पाकिस्तान इसे अपना पांचवां सूबा बनाने की साजिश कर रहा है। माना जा रहा है पाकिस्तान यहां नवंबर में चुनाव करा सकता है।
पाकिस्तान गिलगिट बाल्टिस्तान को अपना पांचवा रांज्य बनाने का षड़यंत्र रच रहा है। फिलहाल पाकिस्तान में ब्लूचिस्तान, खैबर पख्तूनवा, पंजाब और सिंध चार प्रांत हैं। गिलगिट बाल्टिस्तान को एक अलग भौगोलिक क्षेत्र माना जाता है। इसके उत्तर में चीन, अफगानिस्तान पश्चिम में पाकिस्तान का खैबर पख्तूनवा और पूर्व में भारत है।
गिलगिट बाल्टिस्तान को भारत पीओके का हिस्सा मानता है, जिसपर पाकिस्तान की सेना ने अवैध कब्जा कर रखा है। ऐसे में हिंदुस्तान के कश्मीर पर पाकिस्तान की ये नई साजिश है। पीओके के लोगों की मर्जी के खिलाफ उन्हें धोखे में रखकर पाकिस्तान ने इस बेहद ही खतरनाक साजिश का जाल बिछाया है। मगर भारत ने उसे ऐसा ना करने के चेतावनी दे दी है।
इस चेतावनी के बावजूद पाकिस्तान इन इलाकों में चुनाव करा रहा है। दरअसल, पाकिस्तान की इस साजिश के पीछे चीन का हाथ है। चीन सीपीईसी कॉरिडोर में रोड, रेल, बिजनेस जोन, एनर्जी स्कीमों और पाइपलाइंस जैसे चीजों को बनाने में भी मदद कर रहा है। हालांकि पीओके के गिलगिट-बाल्टिस्तान में लोग पहले से ही चीन पाकिस्तान की साजिशों के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं।
गिलगिट बालटिस्तान पर ड्रैगन की नजर
गिलगित बाल्टिस्तान का पूरा इलाका कुदरती तौर पर काफी संपन्न हैं। पाकिस्तान की शह पर चीन इस इलाके में अपना असर बढ़ाता ही जा रहा है। चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर गिलगिट-बाल्टिस्तान के बीचोबीच होकर गुजरता है। चीन ने इस इलाके में 5 सुरंगे, 2 पुल बनाए हैं जबकि 78 छोटे-छोटे पुल का काम भी चल रहा है।
इस पूरे इलाके में चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन होते रहते हैं। पाकिस्तान की सेना ने पहले इन आवाजों को बंदूक के दम पर खामोश करने की कोशिश की, मगर वहां की हुकूमत इसमें कामयाब नहीं हो सकी। यही वजह है कि पाकिस्तान की सरकार ने इस पूरे इलाके को ही चीन के हाथों बेचने का फैसला कर लिया है। इस इलाके में ड्रैगन की बढ़ती सैनिक गतिविधियां और भारी निवेश इसके सबसे बड़े सबूते हैं।
चीन ने हाल के दिनों में CPEC के तहत 11 अरब डॉलर के और प्रॉजेक्ट को मंजूरी दी है
इस तरह चीन CPEC के तहत अब तक 87 अरब डॉलर का निवेश कर चुका है
इन प्रोजेक्ट्स की आड़ में चीन PoK में भी सैन्य अड्डा बना रहा है
चीन गिलगिट में अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है
गिलगिट बालटिस्तान का ये पूरा इलाका खनिज पदार्थों से भरापूरा है। इस इलाके में यूरेनियम, सोना रूबी के साथ भरपूर मात्रा में हैवी मैटल मौजूद हैं। साथ ही इस इलाके से पूरे मध्य एशिया पर नजर रखी जा सकती है।
ये इलाका चीन से जुड़ा है
ताजिकिस्तान से जुड़ा है
अफगानिस्तान से जुड़ा है
कश्मीर और लद्दाख से जुड़ा है
कभी इसी इलाके से सिल्क रुट गुजरता था। भारत इस इलाके के जरिए पूरे मध्य एशिया से जुड़ा था। इसलिए ये पूरा इलाका भारत के नजरिए से भी उतना ही महत्वपूर्ण है। अगर इस इलाके को विकसित किया जाए तो ये एशिया का स्विटजरलैंड बन सकता है, लेकिन चीन लगातार पाकिस्तान की मदद से इस इलाके में अपने आप को मजबूत करने में लगा है।
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