नई दिल्ली: पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने पैगंबर मुहम्मद के कार्टून बनाने पर फ्रांस में अपने राजदूत को वापस बुलाने का प्रस्ताव पारित किया है। हालांकि, इस्लामिक राष्ट्र यह भूल गए कि फ्रांस के उसका कोई राजदूत नहीं है।
फ्रांस में पाकिस्तान के अंतिम राजदूत मोइन-उल-हक का तबादला चीन में तीन महीने पहले हुआ था और अभी तक वहां पर कोई राजदूत भेजा नहीं गया है।
दुनिया भर के मुस्लिम देशों ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन के पोस्ट की निंदा की है, जो पैगंबर मुहम्मद के क्लास कार्टून के रूप में दिखाया गया था।
मोहम्मद के कार्टून को इस्लाम में ईश निंदा माना जाता है और इस जुर्म की यहां पर पाकिस्तान में मौत की सजा हो सकती है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को मुस्लिम देशों के नेताओं को एक पत्र लिखा, जिसमें इस्लाम को बदनाम करने के लिए सामूहिक प्रतिक्रिया करने की बात कही गई है।
पत्र में कहा गया है कि पश्चिम देशों में इस्लाम धर्म और पवित्र कुरान को बदनाम किया जा रहा है। इमरान खान ने एक भाषण में कहा कि फ्रांस में मुस्लिम लोगों का जीवन मुश्किल हो गया है और उन्होंने पश्चिमी देशों को लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए कहा गया है।
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