नई दिल्ली: जिनपिंग की दोस्ती में इमरान खान ने पाकिस्तान को बर्बाद कर दिया है। हालात यहां तक पहुंच चुके हैं कि मुल्क में सिविल वॉर छिड़ गया है। ड्रैगन से सौदा करने के बाद इमरान खान पीओके के लोगों के सपने कुचल रहा है। PoK में पाकिस्तानी हुकूमत के खिलाफ ऐलान-ए-जंग छिड़ गई है। वहीं बलूचिस्तान अब किसी भी हाल में पाकिस्तान के साथ नहीं रहना चाहता। सिंध पर पाकिस्तान से अलग होने की कगार पर है, ऐसे में एक बार फिर पाकिस्तान का नक्शा आधा हो सकता है।
बांग्लादेश के अलग होने के बाद एक बार फिर पाकिस्तान बगावत की आग इमरान और बाजवा के गले की फांस बन गई है। पीओके के लोग मोदी के साथ आना चाहते हैं, लेकिन बलूचिस्तान और सिंध भी पाकिस्तान के नक्शे से हट सकते हैं।
चीन-पाकिस्तान की जहरीली जुगलबंदी के खिलाफ PoK ताल ठोककर खड़ा हो चुका है। PoK की राजधानी मुजफ्फराबाद को पाकिस्तान ने मानों बेच दिया है। सौदागर चीन ने इसे इस कदर कुचला है कि इनके पास खिलाफत के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। संदेश साफ है कि अब पीओके चुप नहीं बैठने वाला, वो अरसे से उबल रहा है अब अपने लावे से इमरान और जिंनपिंग दोनों को जला देगा।
खूबसूरत PoK में दो नदियां बहती हैं। नीलम और झेलम दोनों में यहां के लोगों की जान बसती है, क्योंकि दोनों की वजह से यहां की अर्थव्यवस्था चलती है और पीओके की इन्हीं नदियों में ड्रैगन ने डाका डाल दिया है। चीन इन दोनों नदियों पर बड़े बांध बना रहा है।
इमरान-जिनपिंग का साजिश वाला बांध
इस्लामाबाद से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद चीन की कंपनी बांध का निर्माण करवा रही हैं। पीओके में आजाद पट्टन और कोहाला हाइड्रो पावर परियोजनाओं पर काम चल रहा है। डील के मुताबिक 2026 तक निर्माण का काम पूरा होना है। लेकिन उससे पहले ही पीओके में बगावत की आग भड़क चुकी है।
इस बांध का उद्घाटन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने किया था, उस वक्त इमरान ने लोगों को बड़े बड़े सपने दिखाए थे। लेकिन इमरान के वादे भी चीन के सामान की तरह नकली निकली, जिससे आवाम में जबरदस्त गुस्सा है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चीनी कंपनियों की परियोजनाओं को लेकर जबरदस्त नाराजगी है। वैसे ये हद ही PoK को रेल मार्ग और सड़क मार्ग का सपना दिखाते-दिखाते उनके छोटे-छोटे ख्वाब तक चीन ने लूट लिए, चीन जिन थालियों में खाता है उसी में छेद कर जाता है।
ऐसा पहली बार नहीं है जब पीओके में इमरान-जिनपिंग और बाजवा के खिलाफ खुलकर लोगों ने अपनी आवाज़ बुलंद की है। इससे पहले भी यहां की सड़कों से संग्राम की तस्वीरें पूरी दुनिया ने देखी हैं। जब से पाकिस्तान चीन का गुलाम हुआ है, तब से पीओके में लोगों पर अत्याचर बढ़ गया है। पीओके की आबादी करीब 45 लाख है। पाकिस्तान दुनिया के हर मंच पर पीओके की बात करता है, लेकिन यहां के लोगों की बुनियादी जरुरतों की तरफ से आंख चुराता है।
PoK के लोगों से गैरों जैसा व्यवहार
सरकारी नौकरियों में भेदभाव
स्कूलों में धर्म के बारे में पढ़ाने का दबाव
फौज और पुलिस का अधिक दखल
खौफ पैदा करने के लिए स्कूलों में कराई जाती है फायरिंग
सिर्फ 17% स्कूल सही बचे हैं
आवाज उठाने वालों के उम्र कैद दे दी जाती है
कट्टरपंथियों को PoK में बढ़ावा
जगह-जगह चलते हैं आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप
पीओके के लोग बुंलद आवाज में इसलिए मोदी के साथ आना चाहते हैं, क्योंकि वहां लोग भूख से बिलबिला रहे हैं। लेकिन इस्लामाबाद में बैठे हुक्मरानों को इससे कोई मतलब नहीं। साथ ही इनके प्राकृतिक संसाधनों को जिनपिंग के हवाले कर रहा है, जिससे यहां की आवाम ये समझ में आ चुका है कि पाकिस्तान में रहकर उनके हक की रक्षा नहीं हो सकती है। इसलिए उन्होंने जिनपिंग और इमरान की जहरीली दोस्ती के खिलाफ ऐलान-ए-जंग छेड़ दी है।
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