नई दिल्ली: पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद शहर में कश्मीर (पीओके) पर लोगों ने नीलम-झेलम नदी पर चीनी फर्मों द्वारा मेगा-बांधों के निर्माण का विरोध किया। प्रदर्शनकारियों ने मशाल रैली निकाली और 'दरिया बचाओ, मुज़फ्फराबाद बचाओ' और नीलम-झेलम बनो, हमें ज़िंदा रहने दो जैसे नारे लगाए।
वर्ष 2026 तक परियोजना के पूरा होने की उम्मीद है
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रैली में शहर और पीओके के अन्य हिस्सों से एक हजार से अधिक लोग शामिल हुए। हाल ही में पाकिस्तान और उसके दोस्त चीन ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आज़ाद पट्टन और कोहाला हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स के निर्माण के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के हिस्से के रूप में 700.7 मेगावाट बिजली को लेकर आजाद पट्टन हाइडल पावर परियोजना पर 6 जुलाई, 2020 को हस्ताक्षर किए गए थे। 1.54 बिलियन डॉलर की परियोजनाएं चीन जियोझाबा कंपनी (CGGC) द्वारा बनाए जाएंगी। एएनआई ने बताया कि कोहाला हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट, जो झेलम नदी पर बनाया जाएगा, पीओके के सुधनोटी जिले में आज़ाद पट्टन ब्रिज से लगभग 7 किमी की दूरी पर है और पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से 90 किमी दूर है।
वर्ष 2026 तक इसके पूरा होने की उम्मीद है। यह परियोजना चीन थ्री गोरजेस कॉरपोरेशन, अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) और सिल्क बैंक फंड द्वारा प्रायोजित की जाएगी। चीन और पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के मद्देनजर पीओके व गिलगित बाल्टिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों को पाकिस्तान और चीन संयुक्त रूप से नष्ट कर रहे हैं। इसको लेकर कब्जे वाले क्षेत्रों में असंतोष पाकिस्तान और चीन के खिलाफ अधिक है।
'चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा'
CPEC को लेकर भारत ने चीन का विरोध किया है, क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर जा रहा है। पिछले हफ्ते, शुक्रवार को अपनी दूसरी वार्षिक रणनीतिक वार्ता में चीनी विदेश मंत्री वांग यी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी ने कश्मीर मुद्दे और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे की प्रगति पर अन्य मुद्दों पर चर्चा की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर भारत का एक "अभिन्न और अविभाज्य" हिस्सा है और यह उम्मीद करता है कि संबंधित पक्ष देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करें। श्रीवास्तव ने तथाकथित "चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे" पर भारत ने लगातार स्थिति को दोहराया।
उन्होंने कहा, "भारत ने चीन और पाकिस्तान दोनों को अपनी चिंताओं को तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे में परियोजनाओं पर दोहराया है, जोकि भारत के क्षेत्र में हैं और जिनपर पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है।" श्रीवास्तव ने कहा, "हम पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में यथास्थिति बदलने वाले अन्य देशों द्वारा कार्रवाई का विरोध करते हैं और ऐसे कार्यों को रोकने के लिए संबंधित पक्षों को बुलाते हैं।"
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