नई दिल्ली: चीन की साजिश हर दिन बढ़ती जा रही है। लद्दाख बॉर्डर पार से ऐसी हरकतें हो रही है, जिससे पता चलता है कि चीन बातचीत की भाषा में मानने वाला नहीं है। गलवान घाटी में जो हुआ, उसके बाद अब लद्दाख से सटे एलएसी पर चीन ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने में लगा है। ये सब इसलिए किया जा रहा है ताकि बॉर्डर पर जो होगा, सेकेंडों में उसकी खबर बिजिंग तक पहुंच जाए।
चीनी सेना की नई साजिश का भड़ाफोड़
चीन भले ही पूर्वी लद्दाख के गलवान में भारत से मुंह की खा चुका हो, लेकिन वो चालाकी दिखाने से बाज नहीं आ रहा है। एक तरफ चीन बातचीत का दावा करता है तो दूसरी तरफ उसकी हरकतें बता रही हैं कि चीन जो कह रहा है, असल में उसकी हरकतें उस बात से कहीं अलग है। चीन की नई चालाकी का अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि पीएलए ने अब पैंगॉन्ग झील में फाइबर ऑप्टिक केबल बिछाने शुरू कर दिया है।
चीन की बड़ी साजिश
ओपन इंटेलिजेंस सोर्स डेटरेस्फा ने भारतीय मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से ये चौंकाने वाला दावा किया है। जहां ये केबल लगाए गए हैं और पावर लाइन्स बिछाई गई है, उसकी तस्वीरें असल में उसे डेटरेस्फा ने जारी की है। इसे सैटलाइट से तस्वीरें लेकर शेयर किया गया है।
ऑप्टिकल फाइबर से क्या होता है ?
ऑप्टिकल फाइबर एक ऐसी पतली तार होती है
ऑप्टिकल फाइबर पतले कांच, प्लास्टिक से बनी तार होती है
इससे लाइट का उपयोग करके डाटा ट्रांसफर किया जाता है
ये टोटल इंटरनल रिफ्लेक्शन के सिद्धांत पर चलता है
ऑप्टिकल फाइबर में बिजली का संचार नहीं लाइट का संचार होता है
लाइट का उपयोग करके इसकी स्पीड को बहुत तेज़ किया जा सकता है
ऑप्टिकल फाइबर केबल किसी भी तार के मुकाबले बहुत महंगी होती है
इतना ही नहीं इस केबल में डाटा तीन लाख किलोमीटर पर सेकंड की रफ़्तार से ट्रैवेल करता है। दरअसल, ये स्पीड लाइट की है और इसमें इसी का इस्तेमाल कर डाटा को काफी तेज़ी के साथ भेजा जाता है। मतलब साफ है कि इससे चीन बॉर्डर की हर गतिविधि को बहुत तेजी से कैद करेगा और उतनी ही तेजी से इसे बॉर्डर से अपने सेंटर में भेजेगा।
कुछ हफ्ते पहले जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई थी, उसके बाद दोनों देशों के बीच कई स्तर की बातचीत हुई। फिर लद्दाख और अक्साई चीन क्षेत्र में मौजूदगी काफी कम हो गई थी, लेकिन अभी भी लद्दाख में चीनी सेना की मौजूदगी देखा जा रही है।
लद्दाख बॉर्डर पर क्या चल रहा है ?
लद्दाख में 15 सौ 97 किलोमीटर सीमा पर चीनी सेना मौजूद है
फिलहाल चीनी सेना हटती हुई दिखाई नहीं पड़ रही है
लद्दाख में चीनी सेना को देखकर अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि चीन क्या चाहता है
चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग को चीनी राष्ट्रपति की ओर से आदेश आता है
दरअसल, चीन के नेता एक तरफ शांति और स्थिरता की बात करते हैं। दूसरी तरफ उनके प्रतिनिधि भारत की सेना से पैंगॉन्ग में पुराने प्रशासनिक बेस को हटाने की लगातार मांग कर रहे हैं। यही नहीं, वे कुगरंग में पहाड़ी से नीचे जाने के लिए भी कह रहे हैं। चीन का यही दोहरा रवैया लगातार सामने आ रहा है। कभी बॉर्डर पर उसके सेना भारतीय सीमा में घुसने लगते हैं तो कभी बॉर्डर पर चुपके से ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने लगता है।
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