संजीव त्रिवेदी, नई दिल्ली: तीन से तनातनी के बीच भारत और अमेरिका के बीच आज एक बड़ी डील हुई है। भारत और अमेरिका ने बेसिक एक्सचेंज ऐंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट फॉर जियोस्पेशियल कोऑपरेशन (BECA) समझौते पर दस्तखत कर दिया है। दोनों देशों के बीच यह समझौता दिल्ली के हैदराबाद हाउस में हो रहे 2+2 मीटिंग के दौरान हुई। इस मीटिंग में भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर मौजूद रहे।
बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि बीते दो दशकों में हमारे द्विपक्षीय संबंध काफी मजबूत हुए हैं। जब बात क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौती की आती है तो हम मिलकर बड़ा अंतर ला सकते हैं। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2+2 वार्ता में कहा कि 'हम खुश हैं कि अब हमने BECA पूरा कर लिया है जिससे सूचना के आदान-प्रदान के नए स्त्रोत खुलेंगे। हम अमेरिका के साथ अन्य मामलों पर चर्चा के लिए बेकरार हैं।'
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि आज दो महान लोकतांत्रिक देशों के पास और नजदीक आने का बेहतरीन मौका है। हमने माहमारी के दौर में सहयोग बढ़ाने के मुद्दे पर, चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के बढ़ती सुरक्षा धमकियों और क्षेत्र में शांति और सद्भाव के मुद्दे पर बात की।
आपको बता दें कि इस समझौते के तहत दोनों देश रक्षा उद्देश्यों के लिए एक दूसरे के उपग्रहों के आंकड़ों एवं नक्शों की सूचनाएं साझा कर सकेंगे। अमेरिका के साथ 2016 में हुए लिमोआ समझौते के बाद इसे दूसरा बड़ा अहम समझौता माना जा रहा है। रक्षा मामलों के जानकारों के मुताबिक बेका (BECA) समझौता भारत की रक्षा ताकत में इजाफा करेगा। इससे वायुसेना और नौसेना की ताकत भी बढ़ेगी।
दरअसल, इस समझौते के तहत दोनों देश एक दूसरे को उपग्रह से प्राप्त होने वाली रक्षा सूचनाओं को साझा कर सकेंगे। इसके तहत जियो स्पाइटल सूचनाएं, नक्शे और उपग्रह से प्राप्त आंकड़े एवं तस्वीरें शामिल हैं।
भारत के लिए यह समझौता इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका इस मामले में तकनीकी रूप से बेहद मजबूत है। उसके सटीक नेटवर्क का लाभ भारतीय सेनाओं को मिलेगा। युद्ध की स्थिति में यह सूचनाएं भारत के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगी। इनसे सेनाएं मिसाइल, आर्म्ड ड्रोन तथा अन्य स्वचालित रक्षा उपकरणों का प्रभावी इस्तेमाल कर सकेंगी। भारतीय सेनाओं की लक्ष्य को सौ फीसदी सटीकता के साथ भेदने की संख्या में इजाफा होगा।
क्या है बेका (BECA) ?
बेसिक एक्सचेंज ऐंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट फॉर जियोस्पेशियल कोऑपरेशन यानी बेका (BECA) भारत और अमेरिका के बीच बेहद खास समझौता है। अमेरिका ऐसा समझौता अपने करीबी देशों के साथ ही करता है। चूंकि इससे बेहद संवेदनशील और क्लासिफाइड जानकारी साझा करने के रास्ते खुलते हैं, ऐसे में BECA काफी अहम हो जाता है।
भारत को बेका (BECA) से क्या मिलेगा ?
बेका (BECA) का मकसद नॉटिकल और एयरोनॉटिकल चार्ट्स समेत जियोस्पेशियल डेटा की साझेदारी है। एक बार समझौते पर हस्ताक्षर हो गए तो भारत को अमेरिका के सैटेलाइट्स से सटीक डेटा मिलेगा जिसका सैन्य इस्तेमाल हो सकता है। इसके अलावा मैप्स, नॉटिकल और एयरोनॉटिकल चार्ट्स, कॉमर्शियल व अन्य अनक्लासिफाइड इमेजरी, जियोडेटिक, जियो फिजिकल, जियो मैग्नेटिक और ग्रेविटी डेटा भी साझा होगा।
भारत और अमेरिका को बेका (BECA) से क्या फायदा होगा ?
डेटा शेयरिंग दोनों तरफ से होगी लेकिन BECA से भारत को फायदा ज्यादा है। उसे मिलिट्री ग्रेड डेटा का एक्सेस मिलेगा जिसकी मदद से टारगेट को सटीकता के साथ लोकेट किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, मिलिट्री ग्रेड कोऑर्डिनेट्स से मिसाइलों या हवा में लॉन्च किए जाने वाले बमों को किसी आतंकी ठिकाने पर टारगेट किया जा सकता है, वह भी एकदम सटीक।
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