संजीव त्रिवेदी, न्यूज 24, नई दिल्ली (24 अगस्त): चीन की रेड फाइल से बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। रेड आर्मी की सीक्रेट रिपोर्ट से पता चला है कि चीन भोलेनाथ के धाम मानसरोवर में एटम बम तैनात कर रहा है। ड्रैगन की साजिश का पर्दाफाश एक सैटेलाइट तस्वीर से भी हुआ है। जिसमें मानसरोवर झील के पास लाल सेना के खौफनाक मंसूबों के सबूत हैं। एटम बम के साथ-साथ मानसरोवर में चीन मिसाइल और ऐसे रडार की तैनाती कर रहा है। जिससे हिंदुस्तान पर नजर रख सके और अपनी खौफनाक साजिश को अंजाम दे सके।
LAC पर टेंशन के बीच ड्रैगन आर्मी के जो खौफनाक मंसूबों का खुलासा हुआ है। वो न सिर्फ हिंदुस्तान पर हमले की साजिश है बल्कि हिंदुस्तान में रहने वाले करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर भी सबसे बड़ा आघात है। कोरोना किंग जिनपिंग सेना की खौफनाक साजिश का पर्दाफाश एक सैटेलाइट तस्वीर से हुआ है। भारतीय सीमा से 90 किलोमीटर दूर कैलाश मानसरोवर इलाके के 100 किमी क्षेत्र में चीनी सेना की सक्रियता सैटेलाइट इमेज साफ-साफ दिखाई दे रही है। यहां पर झील के किनारे चीन की परमाणु बम और हवा में मार करने वाली मिसाइल तैनात की साजिश है जिसके लिए वो साइट बना रहा है। इस साइट का निर्माण काम अप्रैल में शुरू हुआ था जो अब पूरा होने वाला है।
महादेव के पवित्र तीर्थ पर कोरोना किंग जिनपिंग की जब से काली नजर पड़ी है। तब से इस इलाके में हर वक्त खूनी साए का खतरा मंडराने लगा है। भारत ने जब से 17 हजार फीट की ऊंचाई पर कैलाश मानसरोवर जाने के लिए लिपुलेख के पास सड़क बनाई है। तब से चीन हिंदुस्तान के खिलाफ नेपाल को भड़का रहा है और उकसा रहा है। लिपुलेख को लेकर भारत और नेपाल के बीच तनाव चल रहा है और रेड आर्मी इसी का फायदा उठाकर धार्मिक आस्था का सबसे बड़ा केंद्र कैलाश मानसरोवर को निशाने पर ले रहा है।
सैटेलाइट से मिली तस्वीरों से जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक चीन मानसरोवर झील के किनारे HQ-9 मिसाइल तैनात करने की तैयारी में है। HQ-9 मध्यम रेंज की मिसाइले हैं। HT-233 रडार सिस्टम भी लगा रहा है। इससे मिसाइल का फायर सिस्टम काम करता है। कैलाश मानसरोवर में चीन पूरी जंग की तैयारी में जुटा है। ड्रैगन आर्मी यहां पर सबसे एडवांस रडार लगा है जो टारगेट को ट्रैक कर खत्म भी कर देते हैं। जिनमें टाइप 305बी, टाइप 120, टाइप 305ए, वाईएलसी-20, डीडब्ल्यूएल-002 भी शामिल हैं।
जानकारों के मुताबिक चीन ने ये सारी तैनाती हिंदुस्तान को ध्यान में रखकर ही की है। खुफिया सूत्रों से पता चला है कि आधुनिक हथियारों के पीछे चीन की वायुसेना का मकसद ये है कि वो भारतीय सीमाओं पर पैनी नजर रख सके। साथ ही भारतीय वायुसेना से लोहा भी ले सके। चीन की सेना के खौफनाक मंसूबों को खोलती ये सैटेलाइट इमेज बता रही है कि लिपुलेख में ट्राई-जंक्शन वाले क्षेत्र में चीनं मिसाइल ठिकानों का निर्माण कर रहा है। ड्रैगन आर्मी की तैनाती हो चुकी है। हालांकि यहां पर पहले PLA ने 100 किलोमीटर के क्षेत्र में तीर्थ यात्रियों के लिए रहने के अस्थाई ठिकाने बनाए थे। लेकिन अब यहां पर हाईवे नए होटल्स और नई इमारतें बन चुकी हैं।
खफिया रिपोर्ट से पता चला है कि ड्रैगन की साजिश ये है कि वो कैलाश मानसरोवर जैसे पवित्र धार्मिक स्थान की सेना के जरिए घेराबंदी करना चाहता है। जिससे पर्वत की पवित्रता को खत्म किया जा सके...और पर्वत की परिक्रमा में बाधा पहुंचाई जा सके। गलवान में हिंदुस्तान की सेना से बुरी तरह से पिटने के बाद चीन बुरी तरह से बौखलाया गया है और इसी बौखलाहट में वो हिंदुओं की आस्था पर चोट कर अपना बदला पूरा करना चाहता है। लेकिन लाल बादशाह की लाल सेना को ये अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए। जिस तीर्थ स्थान के साथ वो छेड़छाड़ कर रहा है वो कोई मामूली धार्मिक स्थान नहीं है वो भोलेनाथ का घर है। महादेव का मंदिर है और शिव का दरबार है। और अगर भोलेनाथ की तीसरी आंख खुल गई तो ड्रैगन का दुनिया से नामोनिशान तक मिट सकता है।
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