नई दिल्ली: पूरी दुनिया कोरोना संकट से जूझ रही है और एक अदद वैक्सीन का अभी भी इंतजार है। ऐसे में अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर और जर्मन बायोटेक फर्म Biontech द्वारा कोरोना वैक्सीन के विकसित होने की खबर आ रही है। कंपनी का दावा है कि टीका 90 प्रतिशत तक कोरोना वायरस को रोक सकता है।
टीकों से जुड़ी खास बातें
फाइजर ने कहा कि परीक्षण में कोरोना के 94 मामलों का मूल्यांकन किया गया है। कंपनी ने टीकाकरण करने वाले व्यक्तियों को प्लेसबो प्राप्त करने के लिए रोगियों को 2 भागों में विभाजित किया। फाइजर ने कहा कि टीका की एक खुराक 7 दिन बाद कोरोना वायरस को रोकने में 90 प्रतिशत सफल रही। लेकिन कंपनी ने विश्लेषण में यह खुलासा नहीं किया कि कितने लोगों का टीकाकरण किया गया और कितने को प्लेसबो दिया गया।
28 दिनों के बाद रोगी हो जाएगा खतरे से बाहर
फाइजर आधारित टीकाकरण के 28 दिन बाद मरीज खतरे से बाहर हो जाएगा। यह परीक्षण 8 नवंबर को आयोजित किया गया था। समिति ने कोई गंभीर चिंता व्यक्त नहीं की। डेटा पर दुनिया भर के नियामकों के साथ चर्चा की जाएगी।
टीका कब प्रभावी होगा?
पहला परीक्षण Pfizer के प्रोटोकॉल के अनुसार 32 रोगियों के सकारात्मक परीक्षण के बाद किया गया था। उन्हें वैक्सीन और प्लेसिबो के बीच 2 भागों में विभाजित किया गया था। वैक्सीन समूह के परीक्षण के 6 से कम सदस्यों के सकारात्मक होने पर टीका प्रभावी माना जाता है।
वैक्सीन के लिए आगे क्या है?
वैक्सीन के बारे में फाइजर ने कहा कि इस महीने के अंत तक वैक्सीन आ सकती है। इसके बाद उन्होंने 2 महीने का सिक्योरिटी डेटा इकट्ठा किया है। फाइजर ने कहा कि अंतिम ट्रायल में नंबर बदल सकते हैं।
क्या फाइजर वैक्सीन भारत आएगी?
फाइजर ने कहा कि कंपनी को 2020 तक वैश्विक स्तर पर 50 मिलियन टीके और 2021 तक 1.3 बिलियन का उत्पादन करने की उम्मीद है। फाइजर ने कहा कि उसने भारत में वैक्सीन की योजना की घोषणा नहीं की है। इस टीके के भंडारण के लिए एक ठंडी जगह का चयन किया जाना चाहिए।
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