देवेश मुखर्जी, नई दिल्ली। दुनियाभर में कोविड-19 संक्रमण (Kovid-19 infections) के करीब 30 प्रतिशत और इससे मारे गए लोगों के करीब 17 प्रतिशत मामले अमेरिका में हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने करीब 50 राज्यों में आपदा अधिसूचित की है। लोगों को घरों में ही रहने के आदेश हैं। लाखों की नौकरियां छिन गई हैं। इस बीच अमेरिका में कोरोना (Corona) संकट के बीच भुखमरी जैसे हालात भी बनने लगे हैं। हजारों लोग सरकार और सामाजिक संगठनों द्वारा दिए जा रहे भोजन पर निर्भर हो गए हैं। हालात 2008 में आई आर्थिक मंदी से भी बुरे बताए जा रहे हैं। अमेरिका (America) में भूख एक बड़ी समस्या बनकर सामने आई है। अमेरिका में महामारी के कारण बड़े पैमाने पर लोगों ने रोजगार गंवाया और इसका असर यह हुआ कि अमेरिका में अब भूख की समस्या खड़ी हो गई।
खाने के लिए घंटों का इंतजार
अमेरिका की सबसे बड़ी भूख राहत संस्था फीडिंग अमेरिका की रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर के आखिर में 5 करोड़ से ज्यादा लोग खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे थे, यानी हर छठवां अमेरिकी भूख से जूझ रहा है। हालात ये हैं कि हर चौथा अमेरिकी बच्चा भूखा सोने के लिए मजबूर हैं। रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के फैलने के बाद से ही बेरोजगारी बड़ी तेजी से बढ़ रही है और अमेरिका में खाने के जरूरतमंदों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है।
रोज के खाने के लिए सरकार की मदद पर निर्भर लोगों की संख्या जून के मुकाबले अब अमेरिका में दोगुना से ज्यादा हो गयी है। जानकारी के मुताबिक फीडिंग अमेरिका नेटवर्क ने एक महीने में 54.8 करोड़ खाने के पैकेट बांटे हैं। महामारी शुरू होने से पहले की तुलना में ये 52 फीसदी ज्यादा है। फीडिंग अमेरिका नेटवर्क ने न्यूयॉर्क शहर में क्रिसमस से ठीक पहले हर साल औसतन 500 लोगों को खाना मुहैया कराती थी। लेकिन इस बार ये आंकड़ा बढ़कर 8,500 हो गया।
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, टेक्सास के सैन एंटोनियो में गुरुवार को खाद्य सामग्री वितरण कार्यक्रम के लिए ट्रेडर्स प्लाजा में करीब छह हजार परिवार घंटों तक अपनी कारों में बैठकर लाइन में लगे रहे। भोजन वितरण कार्यक्रम के दौरान गुरुवार को बड़े पैमाने पर एरियल तस्वीरों में सैन एंटोनियो ट्रेडर प्लाजा में हजारों कारें भी दिखाई दीं। फूड बैंकों के बाहर फ्लोरिडा और पेंसिल्वेनिया में पिछले दो हफ्तों में इसी तरह के दृश्य देखे गए हैं।
दक्षिण कैरोलिना के सासंद लिंडसे ग्राहम ने कहा कि ट्रंप की दैनिक ब्रीफिंग उनकी छवि को नुकसान पहुंचा रही है और उन्हें खुद की जगह चिकित्सा विशेषज्ञों को मंच पर जाने देना चाहिए। स्पीकर नैंसी पेलोसी ने राष्ट्रपति ट्रंप को देश को व्यावसायिक गतिविधियों के लिए जल्द नहीं खोलने के लिए चेताया है। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति ने अटॉर्नी जनरल बिल बर की सलाह पर इस तरह के कदम बढ़ाने के संकेत दिखाए हैं।
कोरोना ने भर दिए कब्रिस्तान
अमेरिका में कोरोना वायरस के कारण हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। वायरस का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि कब्रिस्तानों में शवों के लिए जगह तक नहीं बची है। दक्षिण कैलिफोर्निया में हालात इतने बुरे हैं कि शवों को लौटाने तक की नौबत आ गई है। ग्रेव यार्ड्स में शवों के ढेर लग रहे हैं, लेकिन उन्हें दफनाने के लिए जगह तक नहीं बची है। आंकड़ों की मानें तो न्यूयॉर्क में कोरोना संक्रमण के कारण 38,415 लोगों की मौत हुई है।
न्यूजर्सी में अब तक 19,208 लोगों की इस महामारी के कारण मौत हो चुकी है। कैलिफोर्निया में कोविड-19 से अब तक 26,638 लोगों की मौत हो चुकी है। टेक्सास में महामारी ने 28,430 लोगों को मौत की नींद सुला दिया। जबकि फ्लोरिडा में कोविड-19 से 21,987 लोगों की जान गई है। ये वो जगह हैं जिन्हें अमेरिका की शान समझा जाता है और इन शहरों में रहना और बसना दुनिया के हर इंसान का सपना है। लेकिन कोरोना ने तस्वीरों के रंग उड़ा दिए हैं।
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