नई दिल्ली: कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर नीदरलैंड में सरकार द्वारा अपनाए गए सख्त कानूनों को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। दरअसल, कोरोना के नए स्ट्रेन आने के बाद नीदरलैंड की सरकार ने देश में नाइट कर्फ्यू लगा रखी है। इसको लेकर प्रदेश में शनिवार से ही लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था, लेकिन रविवार को ये प्रदर्शन देश के कई हिस्सों में उग्र हो गया।
प्रदर्शनकारियों ने जगह-जगह तोड़फोड़ और आगजनी की। यहां तक कि लोग पुलिस से भी भिड़ गए, जिसके बाद दर्जनों लोगों को हिरासत में लिया गया। एंदोवें, उर्क और राजधानी अमेस्टर्डम में अब भी हालात तनावपूर्ण बना हुआ है। कर्फ्यू तोड़ने वालों पर 95 यूरो का जुर्माना तय किया गया है।
बताया गया कि हिंसक भीड़ ने कई डच शहरों में दुकानों को लूट लिया, आग लगा दी और पुलिस से भिड़ गए, जिसके परिणामस्वरूप 240 से अधिक गिरफ्तारियां हुईं। मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस ने रविवार दोपहर को मध्य एम्स्टर्डम में विरोध प्रदर्शन फैलाने वालों पर वाटर कैनन, कुत्तों और घुड़सवार अधिकारियों का इस्तेमाल किया। पुलिस ने कहा कि लगभग 200 लोगों ने कुछ को पत्थर फेंकते हुए हिरासत में लिया।
कर्फ्यू लागू होने के बाद कम से कम 10 शहरों और कस्बों में दंगा पुलिस तैनात की गई थी। वाहनों को आग लगा दी गई, पुलिस पर पथराव किया गया और सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट कर दिया गया।
दक्षिणी शहर आइंडहोवन में दुकानों को लूटने, साइकिल फेंकने और आग लगाने वाले युवाओं के बैंड दिखाए। एक बयान में कहा गया कि आइंडहोवन में कम से कम 55 लोग गिरफ्तार किए गए।
देश में नए संक्रमण आमतौर पर एक महीने से घट रहे हैं और रविवार को फिर से 4,924 नए मामले सामने आए हैं। नीदरलैंड में कोविड-19 के 944,000 संक्रमणों से 13,540 मौतें हुई हैं।
बता दें कि नीदरलैंड में अक्टूबर से ही बार, रेस्टोरेंट और दिसंबर से स्कूल और दुकानें बंद हैं। यहां पर सरकार ने नए स्ट्रेन को देखते हुए रात 09:00 बजे से सुबह 04:00 बजे तक देश में कर्फ्यू लगाया है।
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