Christmas 2020: भारत समेत दुनिया भर में क्रिसमस (Christmas Celebration) की धूम है। इस मौके पर भारत समेत दुनिया भर गिरिजा घरों को सजाया गया है। इस मौके पर लोग गिरिजा घरों में जाकर प्रभू यीशू की अराधना करते रहे हैं। क्रिसमस ईसाइयों का सबसे बड़ा त्योहार है। इसी दिन प्रभु ईसा मसीह या जीसस क्राइस्ट का जन्म हुआ था, इसलिए इसे बड़ा दिन (Bada Din) भी कहते हैं।
इस दिन के लिए विशेष रूप से चर्च को सजाया जाता है और प्रभु यीशु मसीह की जन्म गाथा को झांकी के रूप में प्रदर्शित किया जाता है। क्रिसमस की पूर्व रात्रि गिरिजाघरों में रात्रिकालीन प्रार्थना सभा की जाती है, जो रात के 12 बजे तक चलती है। ठीक 12 बजे लोग अपने प्रियजनों को क्रिसमस की बधाईयां देते हैं और खुशियां मनाते हैं। जीसस क्रिस्ट को भगवान का बेटा (Son of God) कहा जाता है। क्रिसमस (Christmas) का नाम भी क्रिस्ट (Christ) से पड़ा। जीसस क्रिस्ट को भगवान का बेटा कहा जाता है। बाइबल के अनुसार जीसस ईश्वर के पुत्र हैं और शांति व प्रेम के मसीहा भी हैं।
क्रिसमस (Christmas Celebration) से जुड़ी बड़ी बातें
- पूरी दुनिया में ईसाई धर्म के लोग क्रिसमस के त्योहार को बड़ी धूमधाम और उल्लास के साथ मनाते हैं। यह त्योहार हर साल 25 दिसम्बर को मनाया जाता है। इसी दिन प्रभु ईसा मसीह या जीसस क्राइस्ट का जन्म हुआ था।
- बताया जाता है 25 दिसंबर को रोम के लोग रोमन उत्सव के रूप में सेलिब्रेट करते थे, इस दिन लोग एक-दूसरे को ढ़ेर सारे उपहार देते थे, धीरे-धीरे ये उत्सव काफी बड़ा हो गया इसलिए इस दिन को लोग बड़ा दिन कहने लगे।
- इस दिन को बड़ा दिन कहने के पीछे एक और कहानी प्रचलित है। प्रचलित कहानी के मुताबिक सदियों पहले ये दिन भारत में मकर संक्रान्ति के रूप में मनाया जाता था, जो कि काफी पावन होता था इसलिए इसे बड़ा दिन नाम दिया गया।
- ईसा मसीह के जन्म की कोई ज्ञात वास्तविक जन्म तिथि नहीं है। एन्नो डोमिनी काल प्रणाली के आधार पर यीशु का जन्म, 7 से 2 ई.पू. के बीच हुआ था, ऐसा माना जाता है, भारत में इस दिन को रोमन यामकर संक्रांति से संबंध स्थापित करने के आधार पर चुना गया था इस कारण भी इस दिन को बड़ा दिन कहा जाता है।
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