नई दिल्ली: तिब्बत को लेकर चीन का स्टैंड क्या है ये पूरी दुनिया जानती है लेकिन अब बात इतनी भर नहीं है। चीन ने एक नया प्लान बनाया है और प्लान है किसी भी तरह से तिब्बत पर पूरी तरह से कब्जा कर लेने का। इसके लिए चीन की तैयारी को देखकर आप दंग रह जाएंगे। वो दिन दूर नहीं है जब विश्व के नक्शे से तिब्बत का नाम पूरी तरह से मिट जाएगा और पूरी तरह तिब्बत पर चीन का पूरी तरह से हुक्म चलेगा। इसके लिए चीन ने पूरी तरह से चाल चल दी है और जिनपिंग की पूरी टीम इसके लिए दिन रात काम कर रही है। वो खतरनाक साजिशें रची जा रही है तिब्बत जिसकी कल्पना भी नहीं कर सकता है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनकी पूरी टीम अब एक तरह से तिब्बत के सामजिक और धार्मिक ताने-बाने को पूरी तरह से तोड़ने में जुटे हुए हैं और अब तिब्बत को नए समाजवादी तिब्बत बनाने का राग अलाप दिया है। बातें सिर्फ इतनी भर नहीं है। इसके अलावा जिनपिंग ने तिब्बत में अलगाव को लेकर उठ रही आवाजों को दबाने के लिए हर स्तर पर एक दीवार बनाने की बात भी शुरू कर दी है। चीन ने पूरी तरह से एक बात को सोच लिया है कि तिब्बत में भी चीन की अतिवादी कम्युनिस्ट विचारधारा को थोपा जा सके।
तिब्बत को हथियाने के लिए चीन की तैयारी का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि तिब्बत के आखिरी गांव तक चीन की पकड़ होने लगी है और उन जगहों पर रहने वाले तिब्बतियों को बढ़िया मकान और बढिया माहौल देकर चीन चाहता है कि किसी भी तरह से उन सबको दलाई लामा से दूर करके चीन में मिला लें। चीन तिब्बत के आखिरी गांव लेबुगौ तक कब्जा कर लेना चाहता है। लेबुगौ के ले गांव में चीन ने काफी काम किया है। कच्चे मकान के बदले लोगों को सुंदर पक्का मकान दिया है। पूरी तरह से लेबुगौ के ले गांव की आबो-हवा को बदला गया है।
तिब्बत का ये गांव भारतीय सीमा से 5 किमी दूर है।
तिब्बत को खत्म करने और दलाई लामा से उनके मोह को भंग करने के लिए चीन किस तरह से अपने काम को अंजाम दे रहा है। गरीब और पिछड़े तिब्बतियों को उनके पुराने टूटे फूटे घर से निकालकर अब शानदार तरीके से बनाए गए। खूबसूरत घर दिए जा रहे हैं। ये सारी चाल चीन चल रहा है सिर्फ इसलिए कि किसी भी तरह से तिब्बती उनके पाले में आ जाएं।
ये तस्वीरें उस वक्त सामने आई है जिससे कुछ दिन पहले ही चीन के विदेश मंत्री ने तिब्बत का दौरा किया था और भारत से लगी सीमा पर.. निर्माण कार्यों का जायज़ा लिया था। हालांकि तिब्बत पर कब्जा करने का चीनी प्लान सिर्फ इतना ही नहीं है। चीन ने तो पूरी तरह से नए तिब्बत के लिए खाका भी खींच लिया है। तिब्बत वर्क पर सातवें केंद्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि ऐसे तिब्बत का निर्माण करने के प्रयास किए जाने चाहिए जो संयुक्त, संपन्न, सांस्कृतिक रूप से उन्नत, समरसता से पूर्ण और सुंदर हो। नए दौर में तिब्बत पर शासन करने की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की नीतियों को पूर्ण रूप से लागू करने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए शी जिनपिंग ने कहा कि नए आधुनिक समाजवादी तिब्बत के निर्माण के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
कहा जा रहा है कि चीन इस कोशिश में है कि तिब्बत की पहचान को ही पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए और सिर्फ तिब्बत में ही नहीं तिब्बत से बाहर भी जो लोग हैं। उनपर पूरी तरह से नज़र रखी जाए। इसीलिए, भारत की राजधानी दिल्ली में रहने वाले तिब्बती लोगों पर एक चीनी जासूस चार्ली पेंग को चीन से दिल्ली भेजा गया था। वही चार्ली जिसे कुछ दिनों पहले दिल्ली पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया था। तब पता चला था कि कैसे दलाई लामा की जासूसी के लिए वो अपने जाल को लगातार फैला रहा था।
दरअसल, इनकम टैक्स ने चीन से हिन्दुस्तान आकर हवाला के काम को अंजाम दे रहे चार्ली पेंग को गिरफ्तार किया तो पता चला कि चीनी चार्ली पेंग दलाई लामा की जासूसी करने के लिए लोगों को रिश्वत बांट रहा था और दलाई लामा के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहा था। चार्ली पेंग ने दिल्ली में लामाओं के जरिए जानकारी जुटाई । चार्ली दिल्ली में कुछ लामाओं को रिश्वत दे रहा था। चार्ली ने मंजनू के टीला के पास पैकेट में लोगों को पैसे दिए। जासूस के बदले 2 से 3 लाख रूपये दिए जा रहे थे। चीनी एप वी चैट के जरिए चार्ली लोगों से संपर्क करता था । वी चैट के जरिए ही चार्ली का हवाला कारोबार चल रहा था ।
दिल्ली में बैठकर चार्ली पेंग चाहता था कि किसी भी तरह से उसे दलाई लामा की पूरी जानकारी मिले और वो इन सारी जानकारियों को चीन से साझा कर रहा था। दलाई लामा की जानकारी जुटाने के लिए चार्ली पेंग पानी की तरह पैसे बहा रहा था। चार्ली के निशाने पर मजनूं का टीला में रहने वाले लामा भिक्षु थे। चार्ली पेंग ने जिन लोगों को पैसे दिए हैं उनकी पहचान नहीं हो सकी है। चार्ली 2014 के बाद से ही दिल्ली, हिमाचल में जासूसी करवा रहा था। चार्ली पेंग लगातार दलाई लामा की टीम में घुसपैठ कर रहा था।
चीन ने दिल्ली में रहने वाले तिब्बतियों को टारगेट करने और दलाई लामा की जानकारी जुटाने के लिए जिस चार्ली पेंग को दिल्ली तक भेजा था। उसकी कुंडली बताती है कि वो किस तरह से चीन के लिए जासूसी के काम में जुटा हुआ था। जिनपिंग की जिज्ञासा हर उस तिब्बतियों में है जो दलाई लामा से काफी प्रभावित हो और तिब्बत पर चीन का कोई दखल नहीं चाहता हो। क्योंकि जिनपिंग और चीन इस बात को अच्छे से जानता है कि विरोध में बोलने वाले तिब्बतियों को ही टारगेट करके तिब्बत के हर एक कोने पर चीन कब्जा कर सकता है।
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