नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील के पास भारतीय जांबाजों के जोरदार एक्शन से ड्रैगन बौखालाय हुआ है। ड्रैगन को डर है कि हिंदुस्तान कभी भी उसे चित कर सकता है। इसीलिए लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के आस-पास वो अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने में जुटा है। ड्रैगन एलएसी के उस पार अपने इलाके में कई जगहों पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। इसके साथ ही उसने बड़ी तादाद में टैंक तैनात कर दिए हैं।
सैटलाइट से मिली तस्वीरों से पता चला है कि चीन उन जगहों पर अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है, जहां-जहां तनाव है। हमेशा हिंदुस्तान को डराने वाला चीन खुद दहशत से भरा हुआ है। यही वजह है कि वो लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास ना सिर्फ अपने सैनिकों को बढ़ा रहा है, बल्कि टैंक की तैनाती कर रहा है। इतना ही नहीं उसने एलएएसी पर दो जगहों पर एयर डिफेंस मिसाइल एचक्यू 9 को तैनात कर दिया है। चीन को डर है कि अगर जंग हुई तो हिंदुस्तान एयर अटैक करेगा। ऐसे में उसने पहले से ही एयर डिफेंस मिसाइल को काम पर लगा दिया है।
इन इलाकों में चीन सिर्फ अपनी सेना को ही नहीं बल्कि सैन्य ठिकाने भी बना रहा है। भारी मात्रा में गोला बारूद और हथियार जमा कर रहा है। चीन की इस कार्रवाई से ये साफ है कि वो ड्रैगन पर बातचीत का कोई असर नहीं पड़ रहा है। इस वक्त चीन और भारत दोनों के करीब एक लाख सैनिक पूर्वी लद्दाख में तैनात हैं। बातचीत के टेबल पर चीन तनाव घटाने की बात तो कर रहा है, लेकिन एलएसी पर वो लगातार अपनी सैन्य तैयारी को पुख्ता करने में जुटा है।
चीन क्यों बढ़ा रहा है ताकत
दरअसल, 29-30 अगस्त की दरमियानी रात चीन ने पैंगोंग इलाके में घुसपैठ की कोशिश की थी। जिसे आईटीबीपी के जवानों ने नाकाम कर दिया था। इतना ही नहीं बाद में भारतीय सैनिकों ने पैंगोंग के दक्षिणी किनारे पर स्थित लगभग सभी प्रमुख चोटियों पर कब्जा कर लिया था। इसी के साथ भारत ने लद्दाख में अपनी तैनाती बढ़ा दी है। यही वजह है चीन खौफ में है और वो भी अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने में जुटा है।
चीन का ये डर बहुत अच्छा है, उसका डरना जरूरी है। क्योंकि हिंदुस्तान 1962 वाला नहीं, ये 2020 वाला हिंदुस्तान है। जो पहले किसी को छेड़ता नहीं, लेकिन जो आंख दिखाता है, उसे छोड़ता नहीं।
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