नई दिल्ली: एक बार फिर चीन की घिनौना चेहरा सामने आया है। लद्दाख के बाद चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर भी हक जमाना शुरू कर दिया है। चीन के विदेश मंत्री के प्रवक्ता झाओ लिजियन का कहना है कि वह अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा मानता है और यहां से गायब हुए 5 लोगों के बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं है।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ने विदेश मंत्री के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने सोमवार को ट्वीट किया, "चीन ने कभी भी तथाकथित "अरुणाचल प्रदेश" को मान्यता नहीं दी है, जोकि चीन का दक्षिण तिब्बत क्षेत्र है। इस के साथ ही उन्होंने कहा हमारे पास अभी तक भारतीय सेना के बारे में पांच लापता भारतीयों के बारे में पीएलए को एक संदेश भेजने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
चीन ऑर्मी ने किया अगवा
अरुणाचल प्रदेश के 5 युवकों को चीन की पीपल्स लिब्ररेशन आर्मी ने उनको अगवा किया है। गांववालों का दावा है कि ये युवक भारतीय सेना के लिए पोर्टर के रूप में काम करते थे जो दुर्गम क्षेत्रों में सामान की ढुलाई करते थे। लापता आदिवासी युवकों में से एक के भाई ने फेसबुक पर पोस्ट किया था कि चीनी सेना नाचो के पास इंटरनेशनल बॉर्डर (आईबी) से भारतीय सेना के सेरा-7 पेट्रोलिंग इलाके से भारतीय युवकों को उठा ले गई है।
झाओ लिजियन एक चीनी राजनीतिज्ञ हैं और चीनी मामलों के विदेश मंत्रालय के सूचना विभाग के वर्तमान उप निदेशक हैं। वह 1983 में इस पद की स्थापना के बाद से 31वें प्रवक्ता हैं। वह 1996 में विदेश सेवा में शामिल हुए और मुख्य रूप से एशिया में अपनी सेवाएं दी हैं। झाओ ने अपने सोशल नेटवर्क वेबसाइट ट्विटर के मुखर उपयोग के लिए पाकिस्तान में अपने समय की सेवा के दौरान ख्याति प्राप्त की, जो चीन के भीतर अवरुद्ध है। उन्हें चीन के 'वुल्फ वॉरियर' राजनयिकों की नई पीढ़ी के एक प्रमुख नेता के रूप में जाना जाता है।
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