नई दिल्ली: ट्रंप ने इजरायल और UAE के बीच ऐतिहासिक शांति समझौते की घोषणा की है, जोकि पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है। समझौते के अनुसार, इजरायल अब फिलिस्तीन के इलाकों पर कब्ज़ा नहीं करेगा। बदले में मध्य पूर्व के मजबूत देश माने जाने वाले UAE में इजरायल के प्रति नाराज़गी खत्म होगी और कूटनीतिक रिश्ते बनेंगे।
जल्द UAE के बाद साउदी अरब से भी इजरायल की मित्रता होने के संकेत मिल रहे हैं। भारत, अमेरिका और इजराइल की दखल मध्य पूर्व में बढ़ रही है। लेकिन उस इलाके में पाकिस्तान के लिए अब टर्की ही एक मात्र मजबूत मित्र रह गया है। हालांकि हमास आतंकवादी समूह ने संयुक्त अरब अमीरात पर इजरायल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने की सहमति देकर फिलिस्तीनियों की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया है।
हमास की तरफ से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा गुरुवार को इस बारे में घोषणा करने के तुरंत बाद यह प्रतिक्रिया आई है। हमास के प्रवक्ता फावजी बरहौम ने कहा, 'यह घोषणा इजरायल के कब्जे के अपराधों के लिए एक इनाम है। यह हमारे लोगों की पीठ में छुरा घोंपने वाला है।'
इस्लामिक आतंकवादी हमास आंदोलन ने इज़राइल के विनाश की कोशिश की हैं और 2007 में गाजा पट्टी पर नियंत्रण हटाने के बाद से इज़राइल के खिलाफ तीन युद्ध लड़े हैं। एक अमीरात के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा इजरायल के साथ संबंध स्थापित करने की घोषणा ने फिलिस्तीनी जमीनों पर कब्जा करने के लिए इजरायल द्वारा चलाए जा रहे मौत को कम करना है।
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