नई दिल्ली : बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एकबार फिर पाकिस्तान को आईना दिखाया है। शेख हसीना ने कहा है कि कोई भी बांग्लादेशी कभी भी पाकिस्तान के अत्याचार को नहीं भूल सकता है। शेख हसीना ने कहा है कि 1971 में आजादी के युद्ध के दौरान पाकिस्तान के अत्याचार हमारे देश के लिए हमेशा रहने वाली यादों की तरह है। उन्होंने कहा कि '1971 की घटनाओं को भुलाया नहीं जा सकता है, दर्द हमेशा के लिए रहेगा।'
बंग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीन ने कहा कि 1971 के नरसंहार के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने और मानवता के खिलाफ इन अपराधों को रोकने के लिए देश की प्रतिबद्धता को बनाए रखने के लिए, देश की संसद ने 25 मार्च को 'नरसंहार दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया है और तदनुसार हर साल इसे बांग्लादेश और पूरी दुनिया में रह रहे बांग्लादेशी लोगों, जो अपनी मातृभूमि से प्यार करते हैं, द्वारा मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि 25 मार्च, 1971 को पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान की निर्दोष नागरिकों की क्रूर और सामूहिक हत्याएं की थी। यह नरसंहार 'बंगाली' देश के उनकी वैध मांग को अस्वीकार करने और उनकी जातीय राजनीतिक पहचान को समाप्त करने के लिए किया गया था। पीएम हसीना ने आगे कहा कि 'इस दिन हमें मानवता और वैश्विक शांति के लिए नरसंहार को 'फिर कभी नहीं' के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करनी चाहिए।'
इसके साथ शेख हसीना ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्मरणोत्सव दिवस और नरसंहार के पीड़ितों की गरिमा और इस अपराध की रोकथाम के साथ-साथ नरसंहार की रोकथाम और सजा पर कन्वेंशन की 72वीं वर्षगांठ के मौके पर बांग्लादेश पूरी दुनिया के इतिहास में नरसंहार के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ एकजुटता जताता है और इस तरह के जघन्य अपराधों को रोकने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है।
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