नई दिल्ली: अज़रबैजान और आर्मेनिया के बीच जारी युद्ध का बारूद नागोरनो काराबाख की राजधानी स्टेपनाकियर्ट से 15 किलोमीटर दूर शुशी शहर का होली सेवियर कैथेड्रल तक पहुंच गया है। इससे फ्रांस से लेकर ब्रिटेन तक भड़क गया है। इस युद्ध में एक तरफ तुर्की और पाकिस्तान हैं जो इस्लामिक मुल्क होने की वजह से अजरबैजान का साथ दे रहे हैं। उनके साथ सीरिया और लीबिया की वो बगदादी ब्रिगेड है जो सीरिया के बाद इस्लामिक स्टेट के लिए नया ठिकाना ढूंढ रही है। और दूसरी तरफ हैं यूरोप के वो देश जहां ईसाई बड़ी तादात में रहते हैं। ब्रिटेन और फ्रांस के साथ-साथ रूस भी इसी तरफ है। इसीलिए ये युद्ध भयंकर है।
ऐसा नहीं है कि नुकसान सिर्फ आर्मेनिया का ही हो रहा है। सीजफायर की घोषणा के बाद दोबारा भड़के युद्ध में आर्मेनिया ने पलटवार किया तो अजरबैजान के टार्टार नाम के शहर को भी जबर्दस्त नुकसान हुआ। आर्मीनिया की सेनाओं ने अजरबैजान के दूसरे बड़े शहर गांजा और गोरनबॉय को तो पहले ही तकरीबन तबाह कर दिया है। गांव के गांव खाली हो गए हैं। नागोरनो काराबाख की आधी आबादी घर छोड़कर चली गई है। क्योंकि अब इस इलाके पर वो बुरी छाया पड़ चुकी है। जिसने सीरिया के खूबसूरत शहरों को कब्रिस्तान बना दिया था।
बगदादी के खात्मे के बाद बगदादी ब्रिगेड बेरोजगार हो गई थी, लेकिन नागोरनो काराबाख में ISIS के आतंकियों को रोजगार मिल गया है। इन किलिंग मशीनों को खून बहाने के बदले 1800 डॉलर की तनख्वाह दी जा रही है। इसलिए अब वो इन बीहड़ पहाड़ियों पर इस्लामिक स्टेट का काला झंडा फहराना चाहते हैं। इसी 1800 डॉलर की सैलरी के लिए सीरिया के मौलाना आतंकियों की भर्ती में जुटे हैं। बाकायदा तकरीरें कर करके सीरिया और लीबिया में जवान मुसलमानों का माइंड वॉश किया जा रहा है।
अब सवाल ये है कि इस युद्ध में तुर्की इस कदर अजरबैजान का साथ क्यों दे रहा है। तुर्की इस युद्ध में अपना फायदा देख रहा है। नागोरनो काराबाख से गैस और कच्चे तेल की पाइप लाइन गुजरती है जो काकेशस की पहाड़ियों के पास से होते हुए तुर्की और दूसरे यूरोप के देशों तक पहुंचती है। अगर इस पाइप लाइन पर आर्मेनिया का कब्जा हो गया तो तुर्की और अजरबैजान का व्यापार ठप हो जाएगा।
ये जंग थमेगी या और भड़केगी कुछ नहीं कहा जा सकता। क्योंकि 1994 में भी बिल्कुल ऐसा ही हो चुका है। कई साल तक जंग चली और रूस के दखल के बाद युद्धविराम का ऐलान हुआ। लेकिन युद्धविराम के बाद भी अजरबैजान ने नागोरनो-काराबाख पर कब्जा कर लिया था।
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