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संजीव त्रिवेदी, नई दिल्ली: अमेरिका में नए राष्ट्रपति जो बिडेन ने 20 जनवरी को शपथ ली। इसके साथ ही यूएस की नई सरकार में एंटनी ब्लिंकन को विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। भले ही पाकिस्तान और चीन ट्रंप के जाने पर खुश हो रहे हो, लेकिन अमेरिका के नए विदेशमंत्री ने पाकिस्तान और चीन को सचेत किया हैं कि देश में सरकार बदलने से नीतियां नहीं बदलेंगी।
अमेरिका की नई सरकार में विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने विदेशी संबंधों पर सीनेट समिति द्वारा उनकी नियुक्ति को कन्फर्म किये जाने के अवसर पर कहा कि भारत एक द्विदलीय सफलता की कहानी है। इसका अर्थ ये हुआ कि भारत और अमेरिका की मित्रता विभिन्न मुद्दों पर दोनो की सहमति की कहानी है। सीधा मतलब ये कि आतंकवाद पाकिस्तान, चीन और भारत-प्रशांत क्षेत्र के मामलों पर दोनो देशों के रुख में सरकार बदलने से कोई परिवर्तन नहीं आने वाला है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ काम कर रहे हैं ताकि चीन सहित इस क्षेत्र का कोई भी देश संप्रभुता को चुनौती न दे सके। इसके साथ ही हम उन चिंताओं पर भी काम कर रहे हैं, जो हम आतंकवाद के बारे में एक-दूसरे साझा करते हैं। हालांकि ब्लिंकन की शुरुआती बातों में इस बात के संकेत दिखे की भारत द्वारा रूस से S- 400 मिसाइल की खरीद दोनो देशों के संबंधों में तनाव की वजह है।
एंटनी ब्लिंकन ने कहा, "ओबामा प्रशासन के दौरान हमने भारत के साथ विशेष रूप से रक्षा खरीद क्षेत्र में और सूचना साझा करने पर भी सहयोग को गहरा किया। मुझे लगता है कि ट्रंप प्रशासन ने एक इंडो-पैसिफिक की इस अवधारणा को आगे बढ़ाया।''
वहीं बिडेन प्रशासन में जनरल ऑस्टिन ने कहा, “मैं आगे भारत के प्रमुख रक्षा साझेदार की स्थिति का संचालन करूंगा और यह सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा मजबूत रक्षा सहयोग का निर्माण जारी रखूंगा कि अमेरिकी और भारतीय आतंकवादी साझा हितों को पूरा करने के लिए सहयोग कर सकें। मैं सीनेट सुरक्षा संवाद और अन्य क्षेत्रीय बहुपक्षीय व्यस्तताओं के माध्यम से हमारे रक्षा सहयोग को गहरा और व्यापक करना चाहूंगा।"
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