संजीव त्रिवेदी, नई दिल्ली: तख्तापलट के बाद अब तक म्यांमार की सेना द्वारा 26 नेताओं की गिरफ्तारी हो चुकी है । इसमें आंग सान सु की और सत्ताधारी NLD के दूसरे नेताओं के अलावा गैर राजनीतिक व्यक्तियों की भी गिरफ्तारी की गई है।
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हाल के चुनाव के बाद आज से म्यांमार संसद का सत्र लगने वाला था। इस चुनाव में सु की की पार्टी ने NLD ने 83% वोट प्राप्त किये थे, लेकिन सेना ने इसे धोखे से प्राप्त किया हुआ समर्थन बता रही है।
सान 2011 तक मिलिट्री ने म्यांमार में शासन किया था। सोमवार तड़के 10 साल बाद सेना ने फिर कहा कि वो सत्ता कमांडर इन चीफ मिन आंग ह्लाइंग को सौंप रही है। राजधानी नैपीडॉ और मुख्य शहर यंगून की सड़कों पर सेना दिख रही है।
एक साल के लिया सेना ने दिया पर किया कब्जा
म्यांमार की सेना ने तख्तापलट के साथ ही घोषणा की है कि एक वर्ष के लिए देश पर नियंत्रण कर लिया जाएगा। सेना ने पिछले हफ्ते यह संकेत दिया था कि वह चुनाव में धोखाधड़ी के बाद सू की की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) पार्टी ने आसानी से जीत हासिल की।
सोमवार को सुबह होने से पहले सू की और राष्ट्रपति विन म्यिंट को राजधानी नैपीडॉ में हिरासत में लिया गया था। पूर्व राजधानी म्यांमार में सैनिकों ने सिटी हॉल को बंद कर दिया।
2011 में पहली बार 49 साल बाद देश में चुनाव हुए थे, इससे पहले यहां पर सैन्य शासन था। पिछले हफ्ते, सैन्य प्रमुख जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने कहा कि देश के 2008 के संविधान को कुछ परिस्थितियों में "निरस्त" किया जा सकता है।
पहले से ही तख्तापलट की अफवाहों के साथ आने वाले मिन आंग ह्लाइंग की टिप्पणी ने देश के भीतर तनाव बढ़ा दिया और एक दर्जन से अधिक विदेशी दूतावासों और संयुक्त राष्ट्र ने इस बारे में चेतावनी दी थी।
म्यांमार ने 1948 में ब्रिटेन से आजादी के बाद से दो बार, 1962 में और 1988 में तख्तापलट देखे हैं। सू की पूर्व लोकतंत्र आइकन और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता हैं।
2010 में सेना द्वारा रिहा होने से पहले एक विपक्षी नेता के रूप में उन्होंने 20 साल की सजा काटी थी।
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