नई दिल्ली (18 दिसंबर): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर के बाद 500 और 1000 रुपये के नोट को बंद करने का जो फैसला लिया, उससे अभी तक देश में कैश की किल्लत है। हालांकि भारत की ही देखा-देखी वेनेजुएला ने भी नोटबंदी का निर्णय लिया, लेकिन वहां पर हालात इतने बिगड़ गए कि इसे वापस लेना पड़ा।
वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदूरो ने नोटबंदी विफल होने के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ होने का आरोप लगाया है। राष्ट्रपति निकोलस मदूरो ने 12 दिसंबर को देश में तत्काल प्रभाव से अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी करेंसी 100 बोलिवर को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके बदले वेनेजुएला सरकार ने 500, 2000 और 20,000 बोलिवर की नई करेंसी जारी की थी।
- वेनेजुएला ने यह कदम कोलंबिया में माफिया द्वारा राष्ट्रीय करेंसी बोलिवर की होर्डिंग और देश में लगातार बढ़ती महंगाई को काबू करने के लिए उठाया था।
- एक हफ्ते तक नोटबंदी के चलते बड़ी संख्या में लोग बैंकों के बाहर लाइन में खड़े रहे।
- सरकार के मुताबिक नई करेंसी से भरे तीन हवाई जहाज वेनेजुएला नहीं पहुंच सके, जिससे देश में नोटबंदी की स्थिति बेकाबू हो गई।
- नोटबंदी के पहले हफ्ते में बैंकों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लग गई, सैकड़ों दुकानों को लूट लिया गया और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन होने लगे।
- वेनेजुएला के आम लोग खाने-पीने की चीजें और ईंधन खरीदने में असमर्थ हो गए।
- इस फैसले से देश में क्रिसमस की तैयारी में जुटे लोगों के हाथ से एक झटके में पुरानी करेंसी बेकार हो गई।