नई दिल्ली (18 मार्च): मोदी सरकार ने ज्यादातर कामों के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया है, ऐसे में लोगों की जानकारी गलत हाथों में पहुंचने का खतरा भी बढ़ गया है। इसी डर को देखते हुए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने लोगों को किसी भी सेवा का लाभ लेने के लिए इंटरनेट पर आधार जैसी अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करते समय सावधानी बरतने के लिए कहा है।
UIDAI ने कहा कि जब लोग किसी सेवा प्रदाता या वेंडर से सेवा प्राप्त करने के लिए इंटरनेट पर आधार समेत अन्य व्यक्तिगत जानकारी साझा करते हैं तो इंटरनेट पर जानकारी डालते समय उन्हें सावधानियां बरतनी चाहिए। कुछ बेईमान लोग दूसरों का आधार कार्ड पोस्ट या प्रकाशित कर देते हैं, लेकिन इसका UIDAI और आधार की सुरक्षा पर कोई असर नहीं पड़ता है।
UIDAI ने जोर देते हुए कहा कि अन्य पहचान पत्र की तरह ही आधार भी गोपनीय दस्तावेज नहीं है। किसी के आधार कार्ड के बारे में थोड़ी सी जानकारी होना उस शख्स की पहचान के साथ छेड़छाड़ करके नई पहचान स्थापित करने के लिए काफी नहीं है, क्योंकि इसके लिए बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण की जरुरत होती है।
मोबाइल नंबर, बैंक खाता संख्या, स्थायी खाता संख्या (पैन कार्ड), पासपोर्ट, परिवार से जुड़ी जानकारियों इत्यादि की तरह ही आधार को भी व्यक्तिगत जानकारी माना जाना चाहिए। किसी व्यक्ति की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए आधार को भी संरक्षित किया जाना चाहिए। बयान में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी और व्यक्तिगत जानकारी जैसे आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, बैंक खाता, फोटो इत्यादि अनाधिकृत तौर पर प्रकाशित करता है तो संबंधित व्यक्ति उस शख्स के खिलाफ क्षतिपूर्ति का मुकदमा कर सकता है।