भोपाल। देशभर में छेड़छाड़ के वारदात दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। यही वजह है कि महिलाएं सेल्फ डिफेंस के गुर सीखने की ओर आगे बढ़ रही हैं। वैसे तो महिलाओं को अक्सर ट्राउजर और ट्रैक सूट में ही सेल्फ डिफेंस के गुर सिखाए जाते हैं। लेकिन, छेड़छाड़ तो साड़ी पहनी महिलाओं के साथ भी होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए भोपाल की ताइक्वांडो और सेल्फ डिफेंस ट्रेनर ब्रीज त्रिपाठी ने साड़ी में महिलाओं को सेल्फ डिफेंस और बचाव के गुर सिखाने का फैसला किया है।
ब्रीज पिछले 15 सालों में 18 हजार महिलाओं को सेल्फ डिफेंस के दांवपेंच सिखा चुकी है। अपने इस नेक काम को आगे बढ़ाकर ब्रीज काफी खुश हैं और वो इसपर कहती हैं,'एक बार मैं एक कार्यक्रम में बतौर वक्ता सेल्फ डिफेंस पर बात कर रही थी तो खुद के बचाव के तरीके बता रही थी। तभी एक सज्जन ने कहा कि साड़ी पहनकर क्या गुर सिखा सकेंगी, मैंने उनसे कहा,'क्या महिला जब साड़ी पहनी होती है, तब उस पर हमला नहीं हो सकता। अगर साड़ी पहनने वाली महिला पर हमला होता है तो वह उस परिधान में कैसे अपनी रक्षा करेगी। क्यों सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग हमेशा ट्रैक-सूट में होनी चाहिए।'
ब्रीज आगे कहती हैं,'मैं अपनी ट्रेनिंग में मिर्च सप्रे, हेयर पिन चुभा देना या पुरुष के किसी हिस्से को दबाने पर जोर नहीं देती, क्योंकि यह हमले के समय आप हमेशा इन चीजों का इस्तेमाल कर सकें, यह जरूरी नहीं। इसलिए मैं अचानक हुए हमले में अपने शरीर को हथियार बना लेने पर जोर देती हूं, क्योंकि इसके लिए न तो पर्स खोलने की जरूरत है और न ही यह सोचने की किस सामान से हमला करूं। क्योंकि उस समय दिमाग सुन्न सा हो जाता है, और मैं इस सुन्न होने की स्थिति को रोकने की कोशिश ट्रेनिंग के जरिए करती हूं।'
ब्रीज त्रिपाठी अबतक 18000 महिलाओं को साड़ी में सेल्फ डिफेंस सिखा चुकी हैं। साथ ही उनका ये नेक काम आज भी जारी है। वुमेंस डे पर ऐसी महिलाओं के उदाहरण दिल खुश करने वाले हैं। ब्रीज त्रिपाठी जैसी महिलाएं महिला सुरक्षा में अहम भूमिका निभाती हैं।
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