पंकज त्रिपाठी: पश्चिम बंगाल जीतने के लिए बीजेपी और टीएमसी के बीच 2021 की असली लड़ाई तो उत्तर बंगाल से शुरू हो चुकी है.. ममता और बीजेपी नेता अपने दौरों से उत्तर बंगाल की सियासी आंच को हवा देने का काम कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 7 दिसंबर को सिलीगुड़ी में अपने अतिरिक्त दफ्तर के घेराव की कोशिश करते हुए बीजेपी को जरूर देखा होगा। पुलिस के लाठीचार्ज ने उस कोशिश को तो नाकाम कर दिया, लेकिन 10 दिसंबर को टीएमसी कार्यकर्ताओं ने एक बड़ी भूल कर दी। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और बंगाल के बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के काफिले पर पथराव कर दिया।
7 दिसंबर की तस्वीरें देखकर ममता को गुस्सा आया, तो उन्होंने उत्तर बंगाल में बीजेपी के समर्थन में उठ रही आवाज़ों को बेअसर करने के लिए तीन दिन का दौरा बना लिया.. दूसरी ओर जब 10 दिसंबर को नड्डा और विजयवर्गीय पर हमला हुआ तो गृह मंत्री अमित शाह ने आनन-फानन में बंगाल का दौरा प्लान कर लिया। अब दोनों के दौरों का असर समझिए।
उत्तर बंगाल में वोटबैंक बचाने उतरीं ममता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल का 3 दिन का दौरा बनाया। 14 दिसंबर को जलपाईगुड़ी में जनसभा, 15 दिसंबर को जलपाईगुड़ी में विकास कार्यों पर मीटिंग, 16 दिसंबर को कूचबिहार में मुख्यमंत्री की जनसभा? 16 दिसंबर को सिलीगुड़ी के उत्तर कन्या में सीएम दफ्तर पर मीटिंग।
अपने तीन दिनों के दौरे में सीएम ममता जनसभा और संगठन की बैठकों के अलावा उत्तर बंगाल में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा भी कर रही हैं। राजनीतिक लिहाज़ से उत्तर बंगाल की सियासी पिच भले ही छोटी नजर आती है, लेकिन यहां बीजेपी और टीएमसी के बीच चल रही खींचतान के चुनावी मायने बहुत अहम हैं।
2014 से बीजेपी ने बढ़ाया जनाधार
बीजेपी ने 2014 लोकसभा चुनाव से लेकर 2019 तक उत्तर बंगाल के 8 ज़िलों में अपना प्रभाव बढ़ाया है.. जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग, कूचबिहार, मालदा उत्तर, उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर, अलीपुरद्वार और कलीमपोंग में राजबंशी वोटर्स की संख्या करीब 50% है।
वहीं गोरखा बिरादरी के लोग दार्जिलिंग में 50% फीसदी से ज्यादा हैं। उत्तर बंगाल कभी वामपंथियों का मज़बूत गढ़ हुआ करता था, लेकिन अब यहां टीएमसी और बीजेपी के बीच जनाधार बचाने और बढ़ाने की जंग चल रही है।
2011 के विधानसभा चुनाव में बंगाल की सत्ता हारने के बावजूद लेफ्ट को 39% वोट मिले थे, जो टीएमसी को मिले 20% वोटों से करीब दोगुना थे। वहीं, 2016 में वाम दलों का वोट प्रतिशत घटकर 21% पहुंच गया और टीएमसी का वोट शेयर 37% हो गया। 2016 में बीजेपी को उत्तर बंगाल में काफ़ी फायदा हुआ और उसका वोट शेयर 5% से बढ़कर पहली बार 15% पर पहुंच गया। तब से लगातार उत्तर बंगाल में बीजेपी को बड़ा समर्थन मिल रहा है। इसी बढ़ते जनाधार के दम पर 2019 में पार्टी ने इस क्षेत्र में आने वाली लगभग सभी संसदीय सीटें जीत ली थीं।
TMC के लिए वोटबैंक वापस पाने की लड़ाई
बीजेपी ने उत्तर बंगाल के गोरखा, राजवंशी और आदिवासियों तक पहुंच बढ़ाई है, जो चुनावी गणति के लिहाज़ से अहम है। वहीं, टीएमसी ने उत्तर बंगाल में लेफ्ट का वोटबैंक तो छीना, लेकिन अब वो बीजेपी की ओर जाने लगा है। उत्तर बंगाल में बीजेपी की नज़र बंगाल में 23% आबादी वाले मतुआ समुदाय पर है। टीएमसी ने भी मतुआ समुदाय के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया है। मतुआ समुदाय उत्तर बंगाल समेत कई ज़िलों में फैले हुए हैं। बीजेपी और टीएमसी दोनों की चुनावी रणनीति में मतुआ समुदाय शामिल हैं।
उत्तर बंगाल के तूफ़ानी दौरों पर ज़ोर
2021 की चुनावी लड़ाई जीतने के लिए बीजेपी और टीएमसी के बीच हर रीजन में प्रचार और रणनीतिक अभियानों को लेकर टकराव हो रहे हैं। सबसे पहले बीजेपी ने उत्तर बंगाल में 7 दिसंबर से ममता सरकार के ख़िलाफ़ जनसंपर्क अभियान और रैलियों की शुरुआत की, तो जवाब में ममता बनर्जी और टीएमसी की ओर से अपने 10 साल के कार्यकाल की उपलब्धियों के बारे में बताने का कार्यक्रम चल रहा है। इस बीच ममता ने उत्तर बंगाल का दौरा शुरू कर दिया, तो बीजेपी की ओर से बंगाल के पार्टी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कमान संभाल रखी है।
2019 वाला ‘चमत्कार’ दोहराना चाहती है बीजेपी
उत्तर बंगाल को लेकर टीएमसी और बीजेपी के बीच लड़ाई इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि बीजेपी का मानना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उसने जिस तरह यहां की सभी सीटें जीतने का चमत्कार किया था, ठीक वैसा ही 2021 में हो जाए। इसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए बीजेपी उत्तर बंगाल की सभी 54 सीटों पर हर तरह के दांव-पेच आज़मा रही है। वहीं, टीएमसी के लिहाज़ से उत्तर बंगाल का वोटबैंक फिलहाल डांवाडोल नज़र आ रहा है। इसीलिए, ममता ने उत्तर बंगाल पर केंद्रित दौरा प्लान करके बीजेपी को रणनीतिक लिहाज़ से उत्तर देने की कोशिश की है।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.