Shaniwar Ke Upay: आज साल 2021 के फरवरी महीने का दूसरा शनिवार (Saturday) है और मान्यता के मुताबिक शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव (Shani Dev) का होता है। दरअसल शास्त्रों में शनिदेव को न्याय का देवता कहा गया है। नाराज होने पर शनिदेव जहां राजा को रंक बना देते हैं तो वहीं खुश होने पर भक्तों पर अपनी असीम कृपा बरसाते हैं।
मान्यता है कि शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा (Worship of Peepal Tree) करने से शनि महाराज (Shani Maharaj) प्रसन्न होते हैं और जातक के शनि दोष दूर हो जाते हैं। मान्यता के मुताबिक पीपल के पेड़ की पूजा (Peepal Tree Puja) से शनि देव प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही आर्थिक परेशानियां भी दूर होती हैं। अगर आप भी आर्थिक परेशानी का सामना कर रहे हैं तो शनिवार को ये उपाय कर सकते हैं।
शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं
शनिवार की शाम को शनिदेव की विधि-विधान से पूजा करें। इसके बाद पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। अब पीपल के कुछ पत्तों को घर ले आएं और इन्हें गंगाजल से धो लें। अब पानी में हल्दी मिलाकर एक गाढ़ा घोल तैयार कर लें। इसके बाद दाएं हाथ की अनामिका अंगुली से इस घोल को पीपल के पर ह्रीं लिखें। मान्यताओं के अनुसार, पीपले के पत्ते की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और वह मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।
ऐसे दूर होगी धन की समस्या
जानकारों मुताबिक, पूजन के बाद इस पत्ते को पर्स या तिजोरी में रखना चाहिए। हर शनिवार को पुराने पत्ते को किसी मंदिर में चढ़ा दें और विधि-विधान से पूजन के बाद नया पत्ता फिर से पर्स या तिजोरी में रखें। कुछ हफ्ते तक इस उपाय को करने धन की समस्या दूर होने लगती है।
शनि देव को खुश करना आसान नहीं हैं। लेकिन सच्ची निष्ठा और पवित्र ह्रदय से किए गए काम से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बता रहें हैं जिनसे आप शनिदेव को प्रसन्न कर सकते हैं। शनिदेव के प्रसन्न होने पर आपके जीवन के हर दुख का अंत हो जाएगा।
पीपल के पेड़ को हिंदू धर्म में शुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, पीपल में देवताओं का वास होता है और शनिवार के दिन इसकी पूजा का विशेष महत्व है। मान्यताओं के अनुसार, शनिवार के दिन सुबह पेड़ में जल अर्पित करने से मन को शांति प्राप्ति होती है। शनिवार (Saturday Puja) को पीपल के पेड़ में जल चढ़ाने के साथ इसकी परिक्रमा करना भी शुभ माना गया है।
शत्रुओं का होगा नाश
पीपल के पेड़ में नियमित रुप से जल चढ़ाने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। शत्रुओं का नाश होता है साथ ही सुख संपत्ति, धन-धान्य, ऐश्वर्य, संतान सुख की भी प्राप्ति होती है। इसकी पूजा से ग्रह दोषों से भी निवारण मिलता है। कई लोग अमावस्या और शनिवार को पीपल वृक्ष की पूजा में विश्वास रखते हैं। ऐसा करने से सारी परेशानियां दूर होती हैं। पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से काफी लाभ मिलता है।
हर दिन ये करना संभव नहीं हो पाए, तो प्रत्येक शनिवार भी को ये करना लाभदायक सिद्ध होता है। ऐसा करने से रुके और बिगड़े काम बन जाते हैं साथ ही जीवन में सफलता मिलती है। शनिवार को इस पर जल चढ़ाना श्रेष्ठ माना गया है। पीपल के वृक्ष को काटना वर्जित माना जाता है क्योंकि ऐसा करने से पितरों को कष्ट मिलता है और वंशवृद्धि में भी रुकावट होती है।
पीपल के वृक्ष के पूजन की धार्मिक मान्यता
पीपल के वृक्ष के पूजन के पीछे रोचक धार्मिक कारण भी हैं। श्रीमद्भगवदगीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि ‘अश्वत्थ: सर्ववृक्षाणाम, मूलतो ब्रहमरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे, अग्रत: शिवरूपाय अश्वत्थाय नमो नम:’ यानी मैं वृक्षों में पीपल हूं। पीपल के मूल में ब्रह्मा जी, मध्य में विष्णु जी व अग्र भाग में भगवान शिव जी साक्षात रूप से विराजित हैं। भारतीय परंपरा में भी पेड़ पौधों को देवताओं का रुप मानकर पूजा जाता है। इन्ही कारणों से पीपल को देवता मान कर पूजन किया जाता है।
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