Shani ke achuk Upay: हमारे जीवन पर हर दिन का महत्व है। मान्यता के मुताबिक हर दिन का संबंध किसी न किसी ग्रह से है। हिंदू धर्म में हर दिन का एक स्वामी होता है। शनिदेव (Shani Dev) को शनिवार (Shaniwar) का स्वामी माना जाता है। लिहाजा इस दिन इनकी खास पूजा होती है। शनिदेव की महिमा अपरंपार है। शास्त्रों में शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है। कहा जाता है नाराज होने पर शनिदेव राजा को रंक बना देते हैं और खुश होने पर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। शनिदेव को खुश करना आसान नहीं हैं। लेकिन सच्ची निष्ठा और पवित्र मन से किए गए काम से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
शनिवार को शनिदेव की पूजा अर्चना करने का दिन माना जाता हैं। कहा जाता हैं कि शनिदेव हर किसी को उसके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। अगर कोई शनि की अशुभ स्थिति में हो तो उसे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। इससे ना केवल काम में असफलता प्राप्त होती हैं बल्कि यह घर परिवार में बेवजह लड़ाई झगड़ों का कारण भी बन जाता हैं।
मान्यता है कि जिन पर शनि देव की कृपा होती है, उनके जीवन में मंगल ही मंगल होता है। वहीं, जिन लोगों से शनि देव अप्रसन्न होते हैं, उनके जीवन में बहुत कठिनाई आती हैं। अगर आप भी जीवन में किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना कर रहे हैं तो शनिदेव की आराधना से अपने दुखों से निजात पा सकते हैं। ऐसे में हम आपको शनिदेव की पूजा के तरीके बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप न केवल शनि की साढ़े साती से बच सकते हैं बल्कि जीवन में सभी प्रकार की कठिनाई से निजात पा सकते हैं। आइए जानते हैं…
ऐसे करें शनिदेव को प्रसन्न…
अगर आप चाहते हैं कि शनिदेव आप पर अपनी कृपा बनाए रखें तो शनिवार के दिन भूलकर भी लोहा या फिर लोहे से बनी चीजें घर में ना लेकर आएं। इसके बजाए शनिवार के दिन लोहे की चीजों का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता हैं।
शनिवार के दिन दान देना शुभ माना जाता हैं आप इस दिन उड़द की दाल, काले कपड़े, काल तिल, लोहे की वस्तु या फिर अनाज का दान कर सकते हैं साथ ही साथ इस दिन किसी गरीब का अपमान ना करें।
इस दिन तेल नहीं खरीदना चाहिए। बल्कि इस दिन तेल का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता हैं।
ब्रह्म मुहूर्त में पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और ‘ऊं शं शनैश्चराय नम:’ मंत्र का जाप करें। फिर पीपल को छूकर प्रणाम करने के बाद सात परिक्रमा करें।
शनिवार के दिन शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे चौमुखा दीपक जलाने से धन, वैभव और यश में वृद्धि के साथ साथ मान सम्मान में भी वृद्धि होती हैं।
शनिदेव हनुमान जी के भक्तों पर हमेशा ही अपनी कृपा करते हैं इसलिए शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान जी के दर्शन और उनकी भक्ति करने से शनि के सभी दोष समाप्त हो जाते हैं।
कड़ी मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है तो किसी हनुमान मंदिर जाएं और अपने साथ एक नींबू और 4 लौंग रख लें। इसके बाद मंदिर में पहुंचकर नींबू के ऊपर चारों लौंग लगा दें। फिर हनुमान जी के सामने बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके बाद हनुमान जी से सफलता दिलवाने की प्रार्थना करें और नींबू लेकर कार्य प्रारंभ कर दें। इससे आपके कार्य में सफलता की संभावना बढ़ जाएगी।
शनिवार को घोड़े की नाल मिल जाए तो उसे शुभ माना जाता है। शनिवार को यदि नाल मिल जाए तो उसे एकदम घर में न लाएं। रात भर के लिए उसे बाहर ही रखें। दूसरे दिन, सुनार के द्वारा उस नाल के बीच के टुकड़े और थोड़े से ताम्बे को मिला कर एक अंगूठी बनवा लें और उस पर ‘शिवमस्तु’ अक्षर खुदवा लें। दूसरे शनिवार को, सूर्यास्त के बाद उस अंगूठी की पूजा कर, उसे धूप दीप दिखाएं और उसे अनामिका में पहनें। इस नाल का पाया जाना उस व्यक्ति पर शनि महाराज की पूर्ण कृपा हुई है, ऐसा माना जाता है। लेकिन ऊपर बताई विधि पूरी न करने पर विशेष लाभ नहीं होता। भाग्यशाली पाठक को यदि शनिवार को नाल मिल जाए तो ऊपर बताई विधि करें।
कर्ज मुक्ति के लिए मंगलवार और शनिवार के दिन शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर मसूर की दाल को ‘ओम ऋण मुक्तेश्वर महादेवाय नमः’ मंत्र बोलते हुए चढ़ा दें। ऐसा करने से आपको सभी कर्जों से मुक्ति मिल जाएगी और व्यर्थ व्यय से भी बचेंगे।
किसी कार्य की सिद्धि के लिए घर से निकलने से पहले अपने हाथ में रोटी लें। मार्ग में जहां भी कौए दिखाई दें, वहां उस रोटी के टुकड़े करके डाल दें और आगे बढ़ जाएं। इससे सफलता प्राप्त होती है।
शनिवार को हमेशा नीले रंग का रूमाल पास में रखें।
शनिवार की पूजन विधि
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नहा धोकर और साफ कपड़े पहनकर पीपल के वृक्ष पर जल अर्पण करें।
- लोहे से बनी शनि देवता की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं। फिर मूर्ति को चावलों से बनाए चौबीस दल के कमल पर स्थापित करें। इसके बाद काले तिल, फूल, धूप, काला वस्त्र व तेल आदि से पूजा करें।
- पूजन के दौरान शनि के दस नामों का उच्चारण करें- कोणस्थ, कृष्ण, पिप्पला, सौरि, यम, पिंगलो, रोद्रोतको, बभ्रु, मंद, शनैश्चर।
- पूजन के बाद पीपल के वृक्ष के तने पर सूत के धागे से सात परिक्रमा करें। इसके बाद शनिदेव का मंत्र पढ़ते हुए प्रार्थना करें- शनैश्चर नमस्तुभ्यं नमस्ते त्वथ राहवे। केतवेअथ नमस्तुभ्यं सर्वशांतिप्रदो भव॥
शनिवार को ये काम न करें
- आपको अगर शनि की विशेष कृपा पानी है, तो आपको शनिवार पर कुछ काम करने से बचना चाहिए, जैसे अगर आप नाखून या बाल काटते हैं, तो शनिदेव आपसे नाराज हो सकते हैं।
- इस दिन आपको जितना हो सके, उतना दान करना चाहिए।आप मंदिर के अलावा किसी जरुरतमंद व्यक्ति आदि को जरुरत का सामान दान कर सकते हैं।
- शनिदेव को जानवरों से विशेष लगाव है।शनि को खुश रखने के लिए आपको जानवरों पर अत्याचार नहीं करना चाहिए।साथ ही कुत्तों, गाय, बकरी आदि पशु-पक्षियों को रोटी खिलानी चाहिए।
- शनिवार को लोहे को घर में लाना वर्जित माना जाता है, अगर आप घर में कोई लोहे का सामान लाने का मन बना रहे हैं, तो आपको इससे बचना चाहिए।
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