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Mohini Ekadashi 2022: आज मोहिनी एकादशी है। मोहिनी एकादशी का पवन त्योहार वैशाख महीने की शुक्ल की एकादशी मनाई जाती है। इस साल मोहनी एकादशी का पावन पर्व गुरुवार को है और गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। ऐसे गुरुवार के दिन एकादशी होने से इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। इस दिन श्री हरी नारायण के भक्त मानसिक विकारों पर, कष्टों पर, रोगों पर विजय प्राप्त करने के लिए, धन, वैभव और ऐश्वर्य की कामना से मोहिनी एकादशी के व्रत का पालन करते हैं।
मोहिनी एकादशी पर करें ये उपाय (Mohini Ekadashi Ke Upay)
- इस दिन उपाय के रूप में तुलसी के समक्ष घी जलाएं और कम से कम 11 परिक्रमा करें। इस पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करके दीपक प्रज्वलित करें और इसकी भी परिक्रामा करें।
- इस दिन पीले फल, वस्त्र और फूल को मंदिर में अर्पित करें और दक्षिणावर्ती शंख की विधिवत पूजा करें।
- श्रीहरि को पीले रंग की वस्तु अर्पित करना काफी शुभ माना जाता है।
- यदि आपको कुंडली के अनुसार मोती रत्न धारण करने का कहा गया है तो यह दिन बहुत शुभ है।
- सभी तरह के दु:ख और संकटों से छुटकारा पाने के लिए 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:' मंत्र का तुलसी माला से जप करें।
- इस दिन खीर में तुलसी का पत्ता डालकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को भोग लगाएं।
- इससे पहले श्री हरि विष्णुजी का गंगाजल और केसर दूध से अभिषेक करेंगे तो उनकी विशेष कृपा प्राप्त मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की आराधना करने से जहां सुख-समृद्धि बढ़ती है वहीं शाश्वत शांति भी प्राप्त होती है।
- साथ ही भगवान विष्णु को चंदन और जौ चढ़ाने चाहिए क्योंकि यह व्रत परम सात्विकता और आचरण की शुद्धि का व्रत होता है।
मोहिनी एकादशी पूजा विधि (Mohini Ekadashi Puja Vidhi)
आज के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें। पूजा के मंदिर में दीपक जलाएं और व्रत का संकल्प लें। भगवान श्री हरि विष्णु की तस्वीर या प्रतिमा को गंगाजल से अभिषेक करें और फिर भगवान को पीले रंग का वस्त्र पहनाएं या अर्पित करें। विष्णु भगवान का तिलक करें। पूजा में फल, फूल और प्रसाद चढ़ाएं। इस बात का ध्यान रखें कि प्रसाद में सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाएं। साथ ही भगवान को तुलसी का पत्ता भी जरूर चढ़ाएं। तुलसी पत्ता के बिना भगवान विष्णु की कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है। इसके बाद दीपक और धूप जलाएं। मोहिनी एकादशी की व्रत कथा पढ़ें और आरती करें। आखिर में हाथ जोड़कर भगवान से क्षमायाचना जरूर करें।
मोहिनी एकादशी व्रत का महत्व (Mohini Ekadashi Vrat Importance)
हिन्दू मान्यता के अनुसार ऐसे तो हर महीने पड़ने वाली सभी एकादशी का अपना महत्व है। लेकिन मोहिनी एकादशी खास महत्व है। पद्म पुराण के मुताबिक जब युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से वैशाख माह शुक्ल पक्ष की एकादशी के महत्व के बारे में पूछा तो श्रीकृष्ण ने भगवान राम का स्मरण करते हुए युधिष्ठिर से कहा, ऐसा ही सवाल भगवान राम ने त्रेतायुग में महर्षि वशिष्ठ से किया था। जिसका जवाब देते हुए महर्षि वशिष्ठ ने बताया कि, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी मोहिनी एकदाशी होती है। इस एकादशी को करने के पापों का नाश होता है और व्यक्ति संसार के मोह माया से मुक्त हो जाता है।
मोहिनी एकादशी के दिन समुद्र मंथन के दौरान निकला था अमृत (Mohini Ekadashi Samudra Manthan)
पौराणिक मान्याता और कथाओं के मुताबिक मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत कलश को असुरों से बचाने के लिए मोहिनी अवतार धारण किया था, इसलिए इसे मोहिनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु ने राक्षसों पराजित करने के लिए मोहिनी रूप धारण करके, समुद्र मंथन से निकले हुए अमृत को देवताओं को पिला दिया था, जिससे देवासुर संग्राम में राक्षसों की पराजय हुई। देवताओं का स्वर्ग पर फिर से अधिकार स्थापित हुआ था। श्री हरि नारायण विष्णु के मोहिनी रूप के कारण ही यह कार्य संपन्न हो सका, इसलिए मोहिनी एकादशी की महत्ता अत्यधिक बढ़ जाती है।
मोहिनी एकादशी 2022 का शुभ मुहूर्त (Mohini Ekadashi Subh Muhurat)
मोहिनी एकादशी तिथि का आरंभ- 11 मई 2022, शाम 7 बजकर 31 मिनट से
मोहिनी एकादशी तिथि का समापन- 12 मई 2022, शाम 6 बजकर 51 मिनट तक।
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