नई दिल्ली: साल 2020 में अब महज कुछ ही दिन बचे हैं। साल 2021 आने वाला है और पूरी दुनिया नए साल 2021 के स्वागत के लिए तैयार है। साल 2020 में पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना से बेहाल रहा। अब कोरोना वैक्सीन की अच्छी खबर के बीच दुनियाभर के तमाम देशों को नए साल से काफी उम्मीदें है। लोगों को लग रहा है नए साल 2021 में दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जाएगी और सब कुछ पहले के जैसा हो जाएगा। लेकिन ऐसे में सवाल उठता है कि क्या 2021 में सबकुछ पहले जैसा सामान्य हो जाएगा।
कलेण्डर वर्ष 2021
01.01.2021 प्रातः सूर्योदय कालीन
शुक्रवार शनि के नक्षत्र पुष्य से प्रारंभ शुक्र अस्त के साथ प्रारंभ
लग्न कुण्डली- वर्ष प्रारम्भ के समय
सूर्य = पू.षा शुक्र के नक्षत्र में
शनि सूर्य के नक्षत्र में
गु सूर्य के नक्षत्र में
राहु मंगल के नक्षत्र तथा केतु बुध के नक्षत्र में भ्रमणषील रहेंगे।
ऐसे में आइये ज्योतिष शोधकर्ता डॉ. एम एस लालपुरिया से विस्तार से जानते हैं कि क्या लोगों की उम्मीद पर नया साल खड़ा उतरेगा। दुनिया ताजा मुसिबत से छुटकारा मिल जाएगा और सबकुछ ठीक हो जाएगा...
नए साल में (New Year 2021, Rashifal 2021) कहां क्या होगा..?
- संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैण्ड, अफ्रीका, कनाडा, मिश्र, रसिया, पौलेण्ड तथा स्वीडन मे आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ेगा।
- राजनीतिक उठा पटक तथा अप्रिय घटनाओं का रहेगा।
- अप्रत्याषित घटनाओं का जनक रहेगा।
- लूटपाट, चोरी, डाके की घटनाएं अधिक होगी।
- युवाओं में बेरोजगारी के कारण तनाव अधिक होगा।
- प्राकृतिक प्रकोप, भूकम्प, अग्निकाण्ड रेल, सड़क तथा यान दुर्घटनाओं से जन धन की हानि अधिक होगी।
- रोग, मौसमी गड़बड़ी तथा हिंसक घटनाएं अधिक होगी।
- राजनीतिक अस्थिरता तथा शासकों में अहंकार अधिक बढ़ेगा।
- किसी बडे़ राजनीतिक नेता की मृत्यु।
- देश तथा प्रान्तों में वर्षा मध्यम होगी।
- प्रजा में क्रोध तथा आवेश बढ़ेगा तथा हिंसक घटनाएं व उपद्रव को बढ़ावा मिलेगा।
- पृथ्वी का तापक्रम व गुंडागर्दी रोगी तथा पीड़ा बढ़ेगी।
- मध्य एशिया के देष चीन मंगोलिया, कजाकिस्तान, ईरान, ईराक व पाकिस्तान मे मंगल राहु की युति के कारण भूकम्प, अग्निकाण्ड व विस्फोट से जन धन की हानि होगी।
- जनता की सोच धर्म के प्रति कम होगी तथा राजनेताओं के आचरण मे परिवर्तन दिखाई देगा।
देश के पश्चिमी राज्यों में अकाल तथा पूर्वी राज्यों मे राज विग्रह का योग बनेगा।
- यूरोपिय देश आर्थिक मन्दी से प्रभावित होंगे।
- विनाशकारी घटनाएं अधिक होगी।
- जून से सितम्बर 2021 माह के मध्य अपहरण तथा आत्महत्या की घटनाएं अधिक होगी।
- 2021 में महंगाई बढ़ेगी।
- आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में देश विकसित होगा।
- शासकों में अहंकार बढ़ेगा तथा शासन व्यवस्था में अस्थिरता होगी।
- शासक वर्ग अपने कर्तव्यों का पालन न करके जनता के साथ दुर्व्यव्हार का आचरण करेंगे।
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