Chandra Grahan 2020 : इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2020) आज लगने जा रहा है। यह चंद्र ग्रहण एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2020) है। यह चंद्र ग्रहण वृषभ राशि और रोहिणी नक्षत्र में लगेगा। यह चंद्रग्रहण भारत, अमेरिका, प्रशांत महासागर, एशिया और आस्ट्रेलिया में दिखाई देगा।
उपच्छाया चंद्रग्रहण होने की वजह से इस चंद्र ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा। हिन्दु धर्म में चन्द्र ग्रहण एक धार्मिक घटना है जिसका धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। चंद्र ग्रहण दोपहर 1 बजकर 4 मिनट पर शुरू होगा और शाम 5 बजकर 22 मिनट पर खत्म होगा। इस चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 04 घंटे 21 मिनट की होगी। ये चंद्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि को रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि में होगा।
चंद्र ग्रहण का समय
ग्रहण प्रारंभ - 30 नवंबर दोपहर 1 बजकर 4 मिनट
ग्रहण मध्यकाल - 30 नवंबर दोपहर 3 बजकर 13 मिनट
ग्रहण समाप्त - 30 नवंबर शाम 5 बजकर 22 मिनट
सूतक काल
आज पड़ने वाला ग्रहण एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है। अर्थात इसका कोई सूतक काल नहीं होगा। दरअसल, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस ग्रहण का कोई सूतक काल नहीं होता वह ज्यादा प्रभावशाली नहीं होता।
ग्रहणकाल में प्रकृति के भीतर कई तरह की नकारात्मक और हानिकारक किरणों का प्रभाव रहता है। हिन्दू धर्म में चंद्र ग्रहण को काफी अहमियत दी गई है। इसको लेकर कई तरह की मान्यताएं भी हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि ग्रहण के समय लोगों को स्नान, ध्यान, दान, मन्त्र, स्तोत्र-पाठ, मंत्रसिद्धि, तीर्थस्नान, हवन-कीर्तन आदि काम करना चाहिए। इसके करने से बाधाओं से मुक्ति मिलेंगी और सुख की प्राप्ति होगी।
शास्त्रों में ग्रहण के वक्त मंत्रों का जाप की भी सलाह दी गई है। कहते हैं कि ग्रहण के वक्त इन मंत्रों के जाप से इंसान के सारे पापों का नाश हो जाता है।
चंद्रग्रहण के दौरान इन मंत्रों का करें जाप ( Chanting Mantra)
हनुमान जी का मंत्र: ऊं रामदूताय नम:
भगवान विष्णु का मंत्र: ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:
महादेव का जाप: ऊं नम: शिवाय
श्रीकृष्ण मंत्र: क्लीं कृष्णाय नम:
श्रीराम का जाप: सीताराम।
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