मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्, चंडीगढ़: इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कार्तिक पूर्णिमा के दिन 30 नवंबर यानि सोमवार को लगने जा रहा है। कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को पड़ने वाला यह ग्रहण रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि में लगने वाला है। कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को पड़ने वाला यह ग्रहण रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि में लगने वाला है।
चंद्र ग्रहण की धार्मिक मान्यता
इस बार चंद्र ग्रहण वृष राशि और रोहिणी नक्षत्र में लगने जा रहा है। रोहिणी नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा है जो इस दिन वृष राशि में गोचर कर रहा होगा। यह ग्रहण वृष राशि में है। इसका सर्वाधिक प्रभाव वृष राशि के जातकों पर देखने को मिलेगा। इस राशि के जातक को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। चन्द्र मन व माता का कारक होने से उन्हें अपनी माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा।
साथ ही साथ स्वयं को मानसिक तनाव से दूर रखना होगा। वृषभ राशि पर होने से कृष्ण मन्त्र लाभदायक है। इस दौरान गर्भवती स्त्रियां ग्रहण के दोरान बाहर न निकलें। ग्रहण से पूर्व सभी भोजन में तुलसी पत्ता जरूर डाल दें या पहले ही भोजन कर लें। ग्रहण के बाद स्नान करके ही कोई शुभ कार्य करें।
चंद्र ग्रहण का राशियों पर असर
शुभ फल: कुंभ, तुला, मीन, कर्क
मध्यम फल: मेष, कन्या, मिथुन, सिंह
अशुभ फल: मकर, वृषभ, वृश्चिक, धनु
चंद्र ग्रहण को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। इसी कारण से जब भी चंद्रमा पर ग्रहण लगता है तो इसका सीधा असर मन पर होता है। चंद्र ग्रहण का असर उन लोगों पर अधिक पड़ता है, जिनकी कुंडली में चंद्र ग्रहण पीड़ित हो या उनकी कुंडली में चंद्र ग्रहण दोष बन रहा है। इतना ही चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा पानी को अपनी ओर आकर्षित करता है, जिससे समुद्र में बड़ी -बड़ी लहरें काफी ऊचांई तक उठने लगती है। चंद्रमा को ग्रहण के समय अत्याधिक पीड़ा से गुजरना पड़ता है। इसी कारण से चंद्र ग्रहण के समय हवन, यज्ञ, और मंत्र जाप आदि किए जाते हैं।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.