नई दिल्ली : जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह(Venus Planet) की स्थिति योग कारक और प्रभावी होने पर व्यक्ति को सुख-समृद्धि, शांति, वैभव, ऐश्वर्य, ऐशो-आराम,सुंदरता, और समस्त भौतिक सुखों की प्राप्ति होती हैं। ऐसा कहा जाता है शुक्र दानव ग्रह होते हुए भी एक विनम्र और शालीन ग्रह है। शुक्र लाभदाता ग्रह तो है ही और समस्त सुख-सुविधाओं का ग्रह भी है| सबसे अच्छी बात है की यह व्यक्ति को रंक से राजा बनाने वाला ग्रह होता है|
वही अगर जन्म कुंडली में शुक्र(venus) की स्थिति अच्छी ना हो तब उस व्यक्ति को भौतिक सुख-सुविधाओं(luxuries) में, धन में, संतान व पत्नी सुख में, पुरुष के शुक्राणुओं में, और समाज में मान-प्रतिष्ठा की कमी होती है| यदि आपकी कुंडली में शुक्र की अशुभता है और कोई भी कार्य संपन नहीं हो पाते है तो इसके पीछे कोई न कोई वजह जरूर हैं। शुक्र एक ऐसा ग्रह है जो जीवनसंगी, प्रेम, विवाह, विलासिता, समृद्धि, सुख, सभी वाहनों, कला, नृत्य, संगीत, अभिनय, जुनून और काम का प्रतीक है। इस ग्रह के संयोग से ही लोगों को इंद्रियों पर संयम मिलता है और नाम व ख्याति पाने के योग्य बनते हैं।
अब बात करते है शुक्र की अशुभता से कैसे बचें। अगर यह ग्रह व्यक्ति का साथ नहीं देता तो शुक्र के दुष्प्रभाव से त्वचा पर नेत्र रोगों, यौन समस्याएं, अपच, कील-मुहासे, नपुंसकता, क्षुधा की हानि और त्वचा पर चकत्ते हो सकते हैं। साथ ही जीवन में कई तरह की कठनाइयों और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अशुभता से शुभता में बदलने के लिए आप शुक्र ग्रह के बीज मंत्र का 108 बार जाप करके अपना भाग्योदय कर सकते हैं। शुक्र ग्रह का बीज मंत्र व्यक्ति को सभी प्रकार के सुख देने में समक्ष होता है | जब इस ग्रह की कृपा होने लगे तो व्यक्ति जगत में विख्यात हो जाता है |
जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए याद रहें यदि 108 बार शुक्र बीज मंत्र का जाप श्रद्धा,आस्था और विश्वास के साथ किया जाए तभी पूर्ण लाभ होगा| शुक्र बीज मंत्र इस प्रकार है -
|| Venus Mahamantra ||
शुक्र ग्रह बीज मंत्र
Beej Mantra for Shukra Grah
ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः
|| Om Dram Dreem Draum Sah Shukray Namah ||
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