फिरोजपुर। शिरोमणी अकाली दल ने कहा है कि पंजाबियों को कांग्रेस पार्टी द्वारा खुले छोड़े जा रहे गुंडावाद की भारी कीमत अदा करनी पड़ रही है। इसके साथ ही बीती रात मोगा में गई जानों को न टाल पाने के लिए राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) की निंदा की ।
बीती रात मोगा में दो अकाली वर्करों हरमिंदर तथा जगदीप की हत्या पर निंदा करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि इन मौतों के लिए एसईसी सीधे तौर पर जिम्मेदार है। क्योंकि वह एक सप्ताह से अधिक समय से बार-बार शिकायत करने के बावजूद कांग्रेसी गुंडों पर लगाम लगाने में विफल रही है। अगर एसईसी ने अपना कर्तव्य निभाया होता और राज्य पुलिस को जलालाबाद तथा भिखीविंड में अकाली दल के कार्यकर्ताओं पर सशस्त्र हमलों में कार्रवाई का निर्देश दिया होता तो ये दिन न देखना पड़ता। एसईसी की लापरवाही के कारण कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का हौसला इतना बढ़ गया कि अकाली कार्यकर्ताओं की बर्बरता से हत्या कर दी।
सरदार बादल ने राज्यपाल से अनुरोध किया कि वे हस्तक्षेप करें तथा राज्य पुलिस को कानून व्यवस्था बहाल करने के निर्देश दें। उन पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई की मांग की जो कांग्रेसी वर्करों के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने राज्यपाल से अनुरोध किया कि कांग्रेसी विधायकों के कहने पर राज्य एजेंसियों को अकाली वर्करों को परेशान करना बंद करने का निर्देश दिया जाना चाहिए। और जिन अकाली कार्यकर्ताओं के बिजनेस पर डराने घमकाने के लिए छापे मारे जा रहे हैं वे बंद कर देने चाहिए।
सरदार बादल ने राज्यपाल से लोकतांत्रिक सिद्धांतो की रक्षा करने में विफल रहने के लिए राज्य चुनाव कमिशनर को बर्खास्त करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव के लिए हम एक पखवाड़े से अधिक समय से अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग कर रहे हैं। हमने यह भी मांग की है कि बूथ हेराफेरी टालने के लिए तत्काल मतों की गिनती तथा बूथों के अंदर वीडियोग्राफी की अनुमति दी जाए। सरदार बादल ने कहा कि एसईसी इस मामले में सो रहा है तथा सरकारी कमिशन की तरह व्यवहार कर रहा है। उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।
जब अकाली दल अध्यक्ष से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि शिरोमणी अकाली दल संसद में किसानों के साथ चट्टान की तरह खड़ा हुआ है तथा तीनों खेती बिलों को निरस्त करने की मांग कर रहा है तथा सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीद तथा स्वामीनाथन आयोग को अक्षरश: लागू करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी के दोहरे मापदंड का भी पर्दाफाश किया था। उन्होंने कहा कि यह सच है कि प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्रियों की कार्यसमिति के प्रमुख के रूप में सिफारिश की थी कि यह न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे कोई किसान व्यापारी से लेने-देन नहीं किया जाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। यही बात देश भर के किसानों द्वारा मांग की जा रही है। केंद्र सरकार को चाहिए कि वह किसानों के कल्याण को ध्यान में रखकर इस मुददे को जल्द से जल्द समाधान करे।
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