होशियारपुर। आम आदमी पार्टी पंजाब के सह-प्रभारी राघव चड्ढा ने सोमवार को 2013 के अनुबंध कृषि अधिनियम को लेकर अकाली-बीजेपी और कैप्टन सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 2013 में तीनों पार्टियों ने मिलकर पंजाब विधानसभा में किसानों को बर्बाद करने वाले काले कानून बनाए थे। चड्ढा ने नगर निकाय चुनाव प्रचार के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि बादल और कैप्टन सरकार द्वारा 2013 और 2017 में बनाए गए काले कृषि कानूनों से यह साबित होता है कि भाजपा-अकाली और कांग्रेस तीनों किसान विरोधी हैं।
चड्ढा ने कहा कि पंजाब की सत्ता में रहते हुए शिअद-भाजपा की सरकार ने ही अनुबंध खेती अधिनियम, 2013 बनाकर किसानों को बर्बाद करने वाले कानूनों की शुरुआत की थी। दस्तावेजों को दिखाते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार जिन काले कानूनों को लेकर आई है वह मूल रूप से अकाली दल द्वारा बनाया गया था, जिसमें एक किसान को अनुबंधित खेती अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए जुर्माना और जेल दोनों का प्रावधान किया गया था। कांग्रेस भी इन काले कानूनों के लिए उतनी ही जिम्मेदार है क्योंकि 2013 में कांग्रेस विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी थी, लेकिन कांग्रेस ने इस किसान विरोधी कानून का विरोध करने के बजाय इसे विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित करने के लिए सहमति व्यक्त की थी। उन्होंने विधानसभा के दस्तावेज को दिखाते हुए कहा कि 25 मार्च, 2013 के पृष्ठ संख्या 112 के अनुसार, किसानों को बंधुआ मजदूर बनाने वाले कानून का पंजाब के सभी विधायकों ने उस समय समर्थन किया था।
चड्ढा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ उस समय विधायक थे, लेकिन उन्होंने कानून का विरोध नहीं किया था। मोदी सरकार भी जब काले कृषि कानून लेकर आने वाली थी तो कैप्टन अमरिंदर हाई पावर कमिटी के सदस्य थे और वे काले कानूनों पर अपनी सहमति जताई थी। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हमेशा पंजाब के किसानों की पीठ में छुरा घोंपा। पहले 2013 में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट के लिए सहमत हुए फिर केंद्र की मोदी सरकार के काले कृषि कानूनों पर सहमति जताई।
चड्ढा ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ से सवाल करते हुए कहा, पंजाब में चार साल से कांग्रेस की सरकार है, अगर उन्हें पता है कि ये कानून इतने खतरनाक हैं कि इसके कारण किसानों को जेल में डाला जा सकता है तो क्यों कैप्टन सरकार ने अभी तक 2013 के कानून में संशोधन नहीं किया? बल्कि कैप्टन सरकार ने उल्टे 2017 के एएमपीसी कानून में यह स्पष्ट किया कि 2013 के अनुबंध खेती अधिनियम पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। मतलब कैप्टन सरकार ने अनुबंध कृषि अधिनियम सही ठहराया।
उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा कानून है जो किसानों को बर्बाद कर देगा और किसानों की जमीनों को भी हड़प लेगा। कृषि राज्य का अधिकार क्षेत्र है अगर कैप्टन चाहते तो वे 2013 के कानून को वापस ले सकते थे या उसमें संशोधन कर सकते थे और पंजाब के किसानों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए बेहतर कानून बना सकते थे। लेकिन कैप्टन साहब ने किसान विरोधी नीतियों को अपनाकर ऐसे किसान विरोधी कानूनों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अब जब किसानों को इनकी साजिश का पता चल गया तो कांग्रेसी और अकाली दोनों घरियाली आंसू बहा रहे हैं।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.