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गुवाहाटी: मणिपुर में कांग्रेस अपनी असम मॉडल जैसी रणनीति बनाती दिख रही है। गोवा में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस ने अब यहां वाम सहित छह राजनीतिक दलों के साथ एक महागठबंधन बनाया है। जल्दी ही गठबंधन के नाम की भी घोषणा की जाएगी। बता दें कि इसमें कांग्रेस, भाकपा, सीपीएम, आरएसपी, फॉरवर्ड ब्लॉक और जनता दल सेक्युलर शामिल हैं।
असम में पिछले साल के चुनावों के लिए, कांग्रेस ने 10-पार्टी का महागठबंधन बनाया था, इसे महाजोत कहा था। हालांकि, यह प्रयोग कुछ खास सफल नहीं हो सका था और गठबंधन ने राज्य की 126 सीटों में से केवल 50 सीटें जीतीं थीं।
हालांकि, मणिपुर में, मेल अलग है और भाजपा को कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है। कांग्रेस के ओकराम इबोबी सिंह (राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री) ने इस गठबंधन को लेकर कहा कि ये 'मणिपुर के लिए खुशी का दिन' है। वे कहते हैं, 'यह गठबंधन विधानसभा चुनावों के लिए बनाया गया है। हम छह समान विचारधारा वाले धर्मनिरपेक्ष दल चुनाव लड़ने के लिए एक साथ आए हैं।' बता दें कि सिंह 2002 से 2017 तक रिकॉर्ड 15 वर्षों के लिए यहां के मुख्यमंत्री रहे थे।
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मणिपुर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नमिरकपम लोकेन सिंह ने कहा कि पार्टियां राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा को हराने के लिए आश्वस्त हैं। पार्टियों ने फैसला किया है कि खुरई विधानसभा क्षेत्र में भाकपा अकेले ही अपना उम्मीदवार उतारेगी और अधिकांश अन्य सीटों पर कांग्रेस अपने उम्मीदवार उतारेगी।
कांग्रेस इस चुनाव के लिए अपने 40 उम्मीदवारों की पहली सूची पहले ही घोषित कर चुकी है जबकि भाकपा ने 2 उम्मीदवारों की घोषणा की है। मणिपुर की 60 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में 27 फरवरी और 3 मार्च को मतदान होगा। मतों की गिनती 10 मार्च को होगी।
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