के जे श्रीवत्सन, जयपुर: राजस्थान में किसानों की तरह ही बेरोजगारों ने भी महापंचायत का आयोजन कर डाला। जिसमें पिछले कई साल से सरकारी वादे के मुताबिक भर्ती की आस आज तक लगाए हजारों बेरोजगार युवक-युवतियों ने भाग लिया। चौंकाने वाली बात यह है कि जब इन्होंने भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन किया था तो उम्र 30 से 40 साल के बीच थी लेकिन सरकारी नौकरी की परीक्षा देकर उनका परिणाम और फिर नियुक्ति का इंतजार करते करते आज सरकारी सेवा के लिए जरूरी उनकी योग्यता के मुताबिक उम्र तक पूरी हो गई। नतीजा ना तो इन्हें आज तक वह नौकरी मिल पायी और ना ही अब ये किसी और सरकारी परीक्षा में भाग ले सकते हैं।
ये साल 2013 की नर्सिंग भर्ती परीक्षा देने वाली परीक्षार्थी रोशनी राजस्थान के चुरू जिले की रहने वाली हैं। करीब 7 साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, सरकारी नौकरी के लिए परीक्षा दीं, लेकिन आज तक भर्ती का आदेश इन्होंने नहीं देखा। इनके जैसे सेकड़ों ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिन्होंने एनएनएम, जीएनएम की परीक्षा दी थी, लेकिन कोर्ट कचहरी और दूसरे कारणों के चलते उनका परिणाम अटक गया। आज उम्र 44 साल हो गई है। बच्चे भी 10 साल के हो चुके हैं, लेकिन नौकरी का कोई अता-पता नहीं।
इसी तरह साल 2018 में फार्मासिस्ट के 2018 पदों पर भर्तियां निकाली गयी थीं, लेकिन हर बार इस लिखित भर्ती परीक्षा को किसी ना किसी कारण से 1736 पदों पर आज तक यह पूरी नहीं हो सकी।
दरअसल ये सभी लोग जयपुर में हुई बेरोजगार महापंचायत में भाग लेने आए हुए थे। इस महापंचायत का आयोजन साल 2013 में निकाली गई एएनएम के 6719 और जीएनएम के 4514, पंचायत राज एलडीसी 2013 के 10029 पद, कोर्ट के फैसले के कारण साल 2012 की तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती, प्रयोगशाला सहायक भर्ती -2018 के 1534 पद, आयुवेर्दिक नर्सिंग भर्ती 2013 के 1005 पदों पर भर्ती और 2018 के एईएन भर्ती परीक्षा के परिणाम जारी करने सहित नई भर्तियां निकालने की मांग को लेकर किया गया है।
हालांकि हर बार जब भी इन्होंने अलग अलग प्रदर्शन करके मंत्री और सरकार तक अपनी बात रखने की कोशिश की, लेकिन सालों से इन्हें आश्वासन ही मिलता रहा है। अब इनके सब्र का बांध भी टूट गया है। बेरोजगारों को इस बात को लेकर भी आपत्ति है कि मंत्री भी इसे कभी गंभीरता से नहीं लेते नतीजा बेरोजगारों की आस टूटी ही जा रही है।
बेरोजगार महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने सरकार को चेतावनी दी है कि वह अब बेरोजगारों की भावनाओं के साथ ना खेले और अपने वादे के मुताबिक सभी पूरी हो चुकी परीक्षा के परिणाम जारी करें। उपेन का कहना है कि हम इस बात को लेकर भी नाराज हैं कि हमारे लोगों को इस महापंचायत में आने से पुलिस ने रोका है, ताकि हमारी आवाज सरकार तक पहुंच ही ना सके।
दरअसल राजस्थान में विधानसभा का सत्र चल रहा है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 24 फरवरी को अपना बजट पेश करेंगे। जाहिर है कि बजट के दौरान इन बेरोजगारों को भी सरकार से भर्तियों की मांग को पूरा करने के ऐलान की उम्मीद है। यही कारण है कि पहली बार किसान महापंचायत की तर्ज पर ही इन्होंने बेरोजगार महापंचायत का भी आयोजन किया है। यही देखना होगा कि बेरोजगारों के लिए हर बार के बजट में नयी घोषणाओं का ऐलान करने वाली राजस्थान सरकार के बजट पिटारे से कम से कम इन पुरानी शुरू की गयी भर्तियों को लेकर क्या निकलता है।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.