के जे श्रीवत्सन, जयपुर: कोटा में आरएसएस के एक बड़े नेता पर जानलेवा हमले को लेकर राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को जबरदस्त हंगामा बरपा। इस मामले में गिरफ्तार एक आरोपी के साथ संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल की तस्वीर सामने आने के बाद बीजेपी विधायकों ने मंत्री को बर्खास्त कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की। वहीं शांति धारीवाल ने इस पर अपनी सफाई भी दी। यह हंगामा उस वक्त शांत हुआ, जब विपक्ष ने मुख्यमंत्री के जरिये इसका जवाब देने की मांग मान ली।
दरअसल एक तस्वीर में अशोक गहलोत सरकार के संसदीय कार्य और नगर निकाय मंत्री शांति धारीवाल है, लेकिन उसके पास ही खड़ा शख्स और कोई नहीं बल्कि दो दिन पहले कोटा में एक आरएसएस नेता पर जानलेवा हमला करने का आरोपी है। इसी तस्वीर को दिखाकर बीजेपी विधायक प्रश्नकाल के बाद पूरे मामले पर चर्चा के साथ-साथ मंत्री शांति धारीवाल के इस्तीफे और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग करने लगे। जब विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी तो सभी बीजेपी विधायक वेल के पास आ गए। इस हंगामे के चलते 2 बार विधानसभा की कारवाई स्थगित करनी पड़ी। उधर मंत्री शान्ति धारीवाल ने भी इस पर सफाई दी है।
केबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि बीजेपी सदन में बेवजह हंगामा कर रही है। बीजेपी विधायक अध्यक्ष को डिक्टेट करना चाहते हैं। वे सदन में एक मंत्री पर बिना नोटिस आरोप कैसे लगा सकते हैं। अध्यक्ष ने बिना नोटिस आरोप नहीं लगाने दिए। जब बिना आधार किसी मंत्री पर झूठे आरोप लगाएंगे तो विशेषाधिकार हनन के तहत कार्रवाई होगी। जब नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का बोलने के नाम लिया गया था, इसके बावजूद हंगामा किया गया। कटारिया का बीजेपी विधायकों पर ही नियंत्रण नहीं है।
विधानसभा में शून्य काल की शुरुआत ही हंगामे से हुई। बीजेपी विधायकों ने कोटा में आरएसएस कार्यकर्ता पर हमले के मामले पर चर्चा करने के लिए लगे स्थगन की मंजूरी नहीं देने पर आपत्ति जताते हुए हंगामा शुरू कर दिया। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का प्रदेश की कानून व्यवस्था पर स्थगन लगा हुआ था। ऐसे में विधानसभा में विस्तार से चर्चा की तो अध्यक्ष के प्रतिपक्ष के नेता को 2 मिनट इस पर बोलने का मौका दिया, लेकिन बीजेपी विधायक हंगामा जारी रखने लगे तो विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी को भी कहना पड़ा कि अपने आप को लॉयल दिखने की होड़ में बीजेपी विधायक लगे हुए हैं।
विधानसभाध्यक्ष सी पी जोशी का कहना है कि मुझे दुख है कि मैंने गुलाब चंद कटारिया को बढ़ते अपराध पर चर्चा के लिए अनुमति दी थी लेकिन आप सुनना ही नहीं चाहते हैं। व्यवधान डाल रहे हैं। चाहे आप नाराज हो या खुश हो, आप स्पीकर की व्यवस्था पर सवाल नहीं उठा सकते। जब नेता प्रतिपक्ष प्रदेश की कानून व्यवस्था पर स्थगन के जरिए बोलने वाले थे, तो सब मुद्दे कवर हो जाते, लेकिन मुझे दुर्भाग्य से कहना पड़ रहा है कि आप लोगों में ही नेता बनने का कंपीटिशन है।
बीजेपी विधायकों ने साफ कर दिया कि इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा क्योंकि यह कानून और व्यवस्था से जुदा मुद्दा है। साथ ही मंत्री शांति धारीवाल की आरोपी के साथ भूमिका को लेकर भी विपक्ष ने सवाल खड़े कर दिए। बीजेपी विधायक वासुदेव देवनानी का कहना है कि हमारे आरएसएस के नेता की मोटरसाइकिल चालकों ने गोली मारकर जान लेने की कोशिश की थी। वे घायल हैं। आरोपियों को गिरफ्तार तो कर लिया गया लेकिन आरोपियों के साथ मंत्री शान्ति धारीवाल की तस्वीर है, ऐसे में इन लोगों को शह देने के आरोप में मंत्री पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। हम सरकार से जवाब मांग रहे हैं।
बहरहाल विधानसभा स्पीकर के हस्तक्षेप के बाद विपक्ष इस मसले पर मुख्यमंत्री द्वारा जवाब दिए जाने के आश्वासन के बाद शांत हुआ और उम्मीद की जा रही है कि राहुल गांधी की राजस्थान में प्रस्तावित दो दिन की किसान यात्रा के बाद इस यह मुद्दा सदन की राजनीति को फिर गर्माएगा।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.