नई दिल्ली: एथलेटिक्स में भारत की ओर से इतिहास रचने वाली एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज ने खुलासा किया है कि उन्होंने एक किडनी के सहारे दुनिया की टॉप प्रतिस्पर्धा जीती है। पेनकिलर से एलर्जी, टूटी हुई टांग और कई बाधाओं के बावजूद मैं उनमें से हूं, जो यहां तक पहुंची हूं। क्या हम कह सकते हैं कि यह कोच का एक जादू है या फिर उनकी प्रतिभा।
अंजू ने इस ट्वीट में खेल राज्यमंत्री किरण रिजीजू को भी टैग किया। इस पर रिजीजू ने ट्वीट किया, अंजू, यह आपकी कड़ी मेहनत, धैर्य और समर्पित कोचों और संपूर्ण तकनीकी बैकअप टीम द्वारा समर्थित भारत के लिए प्रशंसा लाने का दृढ़ संकल्प है। हमें विश्व एथलेटिक चैम्पियनशिप में पदक जीतने के लिए अब तक एकमात्र भारतीय होने पर आपको गर्व है!
अंजू ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि उनके पिता चाहते थे कि वह स्पोर्ट्स में जाएं। पांच साल की उम्र में मैंने एथलेटिक्स करना शुरू कर दिया। दूसरी और तीसरी क्लास में मैं छोटी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने लग गई थी। पांचवीं क्लास के बाद मैंने विशेष कोच से ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया। सुबह चार बजे से ही ट्रेनिंग पर निकल जाती थी और उसके बाद स्कूल जाना होता। इस उम्र में यह शेड्यूल काफी मुश्किल था।
अंजू ने बताया कि वर्ल्ड चैंपियनशिप में मैडल लाने के बाद वे दुनिया पर छा गईं। हर भारतीय को उन पर गर्व होने लगा। तब तक हर कोई बस एशियन लेवल तक मैडल लाने के बारे में ही बात करता था, लेकिन इसके बाद उम्मीदें बढ़ गईं।
अंजू का कहना है कि एथलेटिक्स दुनिया का सबसे मुश्किल गेम है। 200 से ज्यादा देश इसमें हिस्सा लेते हैं। ब्रॉन्ज मैडल लाने के बाद मुझे संतुष्टि नहीं हुई क्योंकि मुझे रनअप लेने में दिक्कत थी, लेकिन खुशकिस्मती से जंप 6.70 मीटर तक पहुंच गई, जिससे मुझे मैडल मिला।
अंजू ने अपनी ट्रेनिंग के बारे में इस इंटरव्यू में खुलासा किया कि एथलीट्स की ट्रेनिंग इस तरह से होती है ताकि वह उस बड़े दिन के लिए तैयार हो सकें। ब्लड रिदम, बॉडी, नींद सब कुछ इस तरह से तैयार की जाती है। एक लाख लोगों के सामने खुद को साबित करना बहुत बड़ी चुनौती होती है।
अंजू की सफलता में उनके पति और कोच रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज का बहुत बड़ा योगदान है। रॉबर्ट का कहना है कि पहले नेशनल रिकॉर्ड, फिर इंटरनेशनल रिकॉर्ड ब्रेक करने के लिए स्टेप बाय स्टेप तैयारी कराई जाती है। अंजू काफी अच्छी लर्नर रही हैं।
अंजू बॉबी जॉर्ज के बारे में
केरल के कोट्टयम में जन्मीं 43 साल की अंजू IAAF वर्ल्ड एथलेटिक्स फाइनल में भारत की पहली और एकमात्र विश्व चैंपियन है। अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 में पेरिस में एथलेटिक्स में विश्व चैंपियनशिप में लॉन्ग जंप में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। अंजू ने 6.70 मीटर की जंप लगाई, जो किसी भी भारतीय की ओर से एक रिकॉर्ड था।
2005 के विश्व चैम्पियनशिप में रूस की तात्याना कोटोवा की अयोग्यता के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एथलेटिक्स फेडरेशन द्वारा अयोग्य घोषित करने के बाद अंजू को सिल्वर से गोल्ड मैडल में अपग्रेड कर दिया गया।
उन्हें 2002 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 2004 एथेंस ओलंपिक में उन्हें 6.83 के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ स्कोर के साथ 5 वां स्थान मिला था।
देखिए कैसे अंजू ने एक किडनी के सहारे जीता था मैडल:
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