नई दिल्ली: कैनबरा में खेले गए पहले टी-20 मुकाबले में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 11 रनों से हरा दिया। इस जीत के हीरो रहे युजवेंद्र चहल। चहल ने गेंदबाजी करते हुए चार ओवरों में 25 रन देकर तीन विकेट चटकाए। वहीं, लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम निर्धारित ओवरों में सात विकेट खोकर 150 रन ही बना सकी। इसी के साथ भारत पहला टी-20 11 रन से जीत गया।
लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी की चहल टीम के प्लेइंग अलेवन में शामिल नहीं थे। युजवेंद्र चहल रविंद्र जडेजा की जगह ‘कनकशन सब्स्टीट्यूट’ खिलाड़ी के तौर पर मैदान में उतरे। दरअसल ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क की तेज गेंद रविंद्र जडेजा के सिर में लग गई, जिसके बाद चहल को 'कनकशन सब्स्टीट्यूट' के तौर पर उतारा गया।
दरअसल बल्लेबाजी करते वक्त स्टार्क की एक गेंद जडेजा के हेलमेट पर (सिर) लग गई। बल्लेबाजी पूरी होने के बाद उनको चेकअप के लिए बीसीसीआई की मेडिकल टीम ने रोक लिया और उनकी जगह युजवेंद्र चहल को बतौर सब्स्टीट्यूट मैदान पर फील्डिंग के लिए उतारा गया।
चहल की शानदार गेंदबाजी की वजह से लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम निर्धारित ओवरों में सात विकेट खोकर 150 रन ही बना सकी। इसी के साथ भारत पहला टी-20 11 रन से जीत गया।
मैच के बाद चहल ने कहा कि 'जब हमारी बल्लेबाजी चल रही थी तब पता चला की मैं खेलूंगा। 10-15 मिनट पहले पता चला की मैं गेंदबाजी करूंगा। मैंने अपनी वनडे सीरीज की गलतियों से सीखा जहां मैंने फ्लाइट के साथ गेंदबाजी की। मैंने अपनी रणनीति के हिसाब से गेंदबाजी की।'
कनकशन सब्स्टीट्यूट का क्या है नियम
- अगर कोई खिलाड़ी चोटिल होता है तो उसकी जगह दूसरा खिलाड़ी ले सकेगा। वह बल्लेबाजी, गेंदबाजी और विकेटकीपिंग भी कर सकता है।
- कनकशन सब्स्टीट्यूट को मैदान पर उतारने का फैसला मैच रेफरी का होता है।
- बल्लेबाज के चोटिल होने पर बल्लेबाज और तेज गेंदबाज चोटिल होता है तो उसकी जगह तेज गेंदबाज को शामिल किया जाता है।
- दोनों टीमों के पास एक-एक कनकशन सब्स्टीट्यूट का अधिकार होता है।
- अगर मेडिकल स्टाफ या डॉक्टर को लगता है कि प्लेयर के सिर में चोट गंभीर है तो उन्हें या उसे मैच रैफरी को यह बताना होता है। रैफरी के अनुमति के बाद ही सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी को मैदान पर उतरा जा सकता है।
- अगर किसी प्लेयर को सिर में चोट लगी है और वह मैदान से बाहर गया है तो फिर वह उसी दिन मैदान पर नहीं उतर सकता।
सबसे पहले इस नियम का ऑस्ट्रेलिया में हुआ था इस्तेमाल
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व ओपनर फिलिप ह्यूज के निधन के बाद इस नियम को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई थीं। ह्यूज को 2014 में शेफील्ड शील्ड टूर्नामेंट के एक मैच में सिर पर बाउंसर लगी थी। इसके बाद ह्यूज को अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका था।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने सबसे पहले 2016-17 सीजन में कनकशन सब्स्टीट्यूट के नियम का इस्तेमाल घरेलू वनडे (पुरुष-महिला दोनों), बिग बैश और महिला बिग बैश सीरीज में किया था। आईसीसी से इस नियम को स्वीकृति नहीं मिलने के कारण वह शेफील्ड शील्ड और अन्य प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट में इसका इस्तेमाल नहीं कर सका था। इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने पिछले सीजन में काउंटी में इसे लागू किया था।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.