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नई दिल्ली: हार्दिक पांड्या ने दिनेश कार्तिक को साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए पहले टी 20 मैच में स्ट्राइक नहीं दी थी। इसे लेकर पांड्या आलोचकों के निशाने पर आ गए थे। बात यहां तक आ पहुंची कि पूर्व क्रिकेटर और गुजरात टाइटंस के कोच आशीष ने नेहरा ने कह दिया कि सामने डीके थे मैं नहीं...बहरहाल बात आई-गई हो गई, लेकिन जब डीके ने चौथे टी 20 में हार्दिक पांड्या के साथ तूफान मचाकर फिनिशर वाली भूमिका निभाई तो ये बात फिर से लाजमी हो गई। अब डीके ने 'स्ट्राइक' न देने वाली बात पर हार्दिक पांड्या को जवाब दे दिया है।
मैच के बाद की बातचीत
मैच के बाद हार्दिक पांड्या और दिनेश कार्तिक ने बातचीत की। पांड्या ने डीके से पूछा- क्योंकि ये फ्लैट पिच थी, तो आप क्या सोच रहे थे? आपके दिमाग में क्या चल रहा था? डीके ने कहा, दो तीन विकेट गिरने के बाद ये हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन टी 20 फॉर्मेट में अंतिम ओवरों में रन बनाना जरूरी है। जैसे-जैसे हमारी पार्टनरशिप आगे बढ़ती गई, वैसे-वैसे हम इसे एंजॉय करते गए और पूरा दबाव विपक्षी टीम पर डाल दिया।
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परिस्थितियों के अनुसार खेलने में विश्वास
डीके ने हार्दिक से पूछा- क्या गुजरात टाइटंस और टीम इंडिया के लिए खेलते हुए कोई बदलाव महसूस करते हैं? आप कप्तान भी बनाए गए हैं? क्या कहेंगे? पांड्या ने कहा, सच कहूं तो मेरे लिए कुछ बदलाव नहीं है, मैं परिस्थितियों के अनुसार खेलने में विश्वास रखता हूं। मैं हमेशा समय के अनुसार बेहतर होने की कोशिश करता हूं।
माही भाई की सीख ने बदल दिया करियर
पांड्या ने कहा, मेरे करियर के शुरुआती दिनों में मैंने माही भाई से एक सवाल पूछा था कि आप प्रैशर से कैसे बाहर निकलते हैं? तो उन्होंने बहुत आसान सा जवाब दिया। उन्होंने कहा, अपने स्कोर के बारे में सोचना बंद कर दो और अपनी टीम की जरूरत के बारे में सोचना शुरू कर दो। वो सीख मेरे दिमाग में घुस गई और यही वह चीज है, जो मुझे एक बेहतर खिलाड़ी बनने की प्रेरणा देती है।
टीम से ड्रॉप होता हूं तो कैसा महसूस होता है...
पांड्या ने अब डीके से पूछा, इतने सालों में आपमें क्या बदलाव आया है। बहुत कम लोग जानते हैं कि आप किस तरह मेहनत करते हैं। डीके ने कहा, मैं इस बारे में 'हठीला' हूं कि मुझे ये वर्ल्ड कप खेलना है। मेरे जीवन में ये सबसे महत्वपूर्ण है। मैं जानता हूं कि जब टीम से ड्रॉप होता हूं, तो कैसा महसूस होता है। मैं ये भी जानता हूं कि टीम इंडिया के लिए खेलना कितना कीमती है।
बैकएंड के रोल को एंजॉय किया
डीके ने आगे कहा, मैं टीम इंडिया के लिए हमेशा कुछ स्पेशल करना चाहता था और खुशकिस्मती से आरसीबी ने मुझे वो मंच दिया। मैंने आरसीबी में रहते बैकएंड के रोल को एंजॉय किया। मैंने इसके लिए बहुत मेहनत की और इसी का परिणाम है कि मुझे फैंस की ओर से इतना प्यार मिल रहा है। मैं टीम इंडिया के लिए वो मेहनत करना चाहता हूं, जिससे हम वर्ल्ड कप जीत सकें।
टीम इंडिया में जगह बनाना मुश्किल काम
डीके ने कहा, मैंने बाहर बैठकर इस टीम को देखा है। मैं जानता हूं कि टीम इंडिया में जगह बनाना कितना मुश्किल काम है। टीम इंडिया के लिए कितना कॉम्पिटीशन और टैलेंट भरा पड़ा है। टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में सबके साथ एंजॉय करना बहुत दिलचस्प है। मैं इस यूथफुल एनर्जी को एंजॉय कर रहा हूं।
कभी-कभी सपोर्ट नहीं भी करते हो, कोई बात नहीं...
डीके ने अब बातों-बातों में पांड्या से कहा, मेरे आसपास तुम्हारे जैसे लोग हैं, जिनके साथ मैंने बॉन्ड डवलप किया है। आप जैसे लोगों के साथ मैं अपना टाइम एंजॉय कर रहा हूं। थैंक्यू तुमने मुझे जो सपोर्ट दिया...कभी-कभी तुम मुझे अंदर रहकर (मैदार से बाहर) बहुत सपोर्ट करते हो, 'कभी-कभी नहीं भी करते हो, कोई बात नहीं मैं मैनेज कर लेता हूं।' डीके के इतना कहते ही हार्दिक जोर से हंसे, डीके खुद भी मुस्कुरा दिए। डीके ने इशारों-इशारों में स्ट्राइक न देने की शिकायत कर दी और हार्दिक इसे समझ भी गए।
हार्दिक बोले आप लोगों की प्रेरणा हैं
इसके बाद हार्दिक ने कहा, मैं सीरियसली आपसे एक बात कहना चाहता हूं। निश्चित तौर पर आप कई लोगों की प्रेरणा हो। मैं जानता हूं कि आईपीएल के बारे में आपके लिए क्या बातें हो रही थी, लोग आपको बाहर ही मान चुके थे, लेकिन आपने कहा था कि मुझे इंंडिया के लिए वर्ल्ड कप खेलना है। उसके लिए आप जो कर रहे हो, वो वाकई काबिले तारीफ है। थैंक्यू ब्रदर, मुझे आप पर गर्व है।
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