---- विज्ञापन ----
News24
भारत-न्यूजीलैंड के बीच खेले गए टेस्ट सीरीज के पहले मैच में इंडिया टीम के एक निर्णय ने जीत से वंचित कर दिया। भारत के लिए जीत सिर्फ एक ही विकेट दूर थी, लेकिन अंतिम विकेट लेने में हमारे गेंदबाज नाकाम रहे। इसकी वजह नई गेंद उपलब्ध होते हुए भी न लेना बताया जा रहा है और कुछ विद्वानों का मानना भी है कि दूसरी पारी को घोषित करने में भारत ने बहुत देर कर दी थी। इस मैच में भारत की तरफ से स्पिनरों ने सबसे ज्यादा विकेट लिए। दोनों पारियों के कुल 19 विकेट में से 17 विकेट तो सिर्फ तीन खिलाड़ियों (अश्विन, जडेजा और अक्षर पटेल) ने ही लिए।
पारी घोषित करने में देरी
कानपुर टेस्ट मैच ड्रा होने के बाद सबसे ज्यादा बहस पारी घोषित करने में देरी के कारणों पर ही हुई। इस बहस के केंद्र में कप्तान रहाणे से ज्यादा कोच राहुल द्रविड़ थे। पारी घोषित करने संबंधी विवादों का राहुल द्रविड़ से पुराना नाता रहा है। द्रविड़ के विचार पारी घोषित करने में अक्सर बदलते जाते हैं। बहुत से दिग्गज खिलाड़ियों ने भी राहुल द्रविड़ के निर्णय को गलत ठहराया है। उनमें से सचिन तेंदुलकर भी शामिल हैं।
द्रविड़ ने कैसे और क्या गलती की
सचिन तेंदुलकर ने भी अपनी बायोग्राफी में राहुल द्रविड़ के फैसले का जिक्र किया है। सचिन उन तीन मैचों का जिक्र करके बताना चाह रहे हैं कि द्रविड़ खिलाड़ी, कप्तान और कोच की भूमिका में पारी घोषित करने के फैसले में शामिल रहे। भारत तीनों मैच में से एक ही मैच जीत पाया।
कानपूर टेस्ट मैच के दौरान स्टार स्पोर्ट्स पर कमेंट्री कर रहे वीवीएस लक्ष्मण, इरफान पठान और आकाश चोपड़ा भी इस बात पर सहमत थे कि भारत ने पारी घोषित करने में देरी कर दी है। इरफान पठान ने तो इस मामले में विराट कोहली की सराहना भी की।
सचिन की 194 रन की नाबाद पारी
सचिन के साथ पारी घोषित करने का एक विवाद 2004 भी है, जब राहुल द्रविड़ भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के कप्तान थे। जब सचिन तेंदुलकर 194 रन पर खेल रहे थे उसी वक्त द्रविड़ ने पारी घोषित कर दी थी। द्रविड़ के इस फैसले पर सचिन ने नाराजगी जताई और कहा कि जब पहले से सब कुछ क्लियर था तो फैसला बदलने की कहां जरूरत थी। सचिन के मुताबिक, ‘टीब्रेक के बाद ड्रेसिंग रूम में पारी घोषित करने के बारे में पूछे जाने पर बताया गया कि 15 ओवर का खेल बचेगा तब घोषित की जाएगी। लेकिन महज आधे घंटे बाद ही मुझे गति से अपना दोहरा शतक पूरा करने का मैसेज दिया गया। क्योंकि द्रविड़ ने पारी घोषित करने का फैसला ले लिया था। उस वक्त भी हमारे पास 12 गेंद बाकी थी। लेकिन उस ओवर में मेरी बैटिंग ही नहीं आई। इस ओवर की पांचवीं गेंद पर युवराज सिंह के आउट होने पर पार्थिव पटेल बैटिंग के लिए आ रहे थे, तभी राहुल हमें वापस पवेलियन में आने का इशारा कर रहे थे। सचिन लिखते हैं कि वो सदमे में थे क्योंकि ड्रेसिंग रूम में जो बात हुई थी उसके मुताबिक एक ओवर की बल्लेबाजी करने का मौका मिलना चाहिए था।
देश और दुनिया की ताज़ा खबरें सबसे पहले न्यूज़ 24 पर फॉलो करें न्यूज़ 24 को और डाउनलोड करे - न्यूज़ 24 की एंड्राइड एप्लिकेशन. फॉलो करें न्यूज़ 24 को फेसबुक, टेलीग्राम, गूगल न्यूज़.