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Happy B'day Yuvraj: क्रिकेट के इतिहास में जब भी भारतीय टीम का नाम आएगा तो उसमें युवराज सिंह का नाम प्रमुखता से लिया जाएगा। 22 साल पहले युवराज ने कूच बिहार ट्रॉफी में 358 रनों की पारी खेलकर तहलका मचा दिया था। इस प्रदर्शन के बूते उनका चयन अंडर-19 टीम में हुआ था और उसके बाद भारतीय टीम में अपनी जगह बना ली। आज ही के दिन जन्में युवराज सिंह 40 वर्ष के हो चुके हैं।
टीम इंडिया का 'युवराज'
युवराज का जीवन मुश्किलों भरा रहा है। क्रिकेट के मैदान पर भी उन्हें बहुत मुश्किलें आई। मैदान पर खून की उल्टियां करने वाले युवराज सिंह को जब पता चला कि उन्हें कैंसर है तो एक वक्त को लगा कि उनका क्रिकेट करियर ही खत्म हो गया है लेकिन जिस दिलेरी के साथ उन्होंने मैदान पर वापसी की वह किसी अजूबे से कम नहीं था।
सौरव गांगुली की कप्तानी में अपना डेब्यू करने के साथ ही युवराज ने खुद को साबित कर दिखाई कि वह लंबी रेस के घोड़ा हैं। युवराज सिंह की टीम में एंट्री उस वक्त हुई थी, जब सचिन, द्रविड़, लक्ष्मण और गांगुली जैसे धुरंधर खिलाड़ी थे। लेकिन युवराज ने इन सब के बीच रहते हुए अपनी अलग पहचान बनाई। देखते ही देखते बाएं हाथ का यह खब्बू बल्लेबाज भारतीय टीम का युवराज बन गया।
युवराज दो (2007 टी-20, और 2011) विश्व कप के साथ चैंपियंस ट्रॉफी की खिताबी जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया। युवराज सिंह कई मौकों पर टीम इंडिया को अकेले के दम पर जीत दिलाई।
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टी-20 के 'किंग'
युवराज सिंह सिंह के क्रीज पर आने के साथ ही विरोधी टीम के गेंदबाजों में डर का माहौल बन जाता था। युवराज सिंह की आक्रमक बल्लेबाजी के चलते उन्हें क्रिकेट में टी-20 का किंग माना जाता था। युवी ने साल 2007 टी-20 विश्व कप में सबसे तेज 12 गेंद में अर्द्धशतक लगाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इसके अलावा टी-20 इंटरनेशनल में युवराज सिंह पहले ऐसे खिलाड़ी थे, जिन्होंने 6 गेंद पर लगातार छह छक्के लगाने का रिकॉर्ड भी बनाया।
युवराज का क्रिकेट करियर
कुल 40 टेस्ट मैच में 33.92 की औसत से 1900 रन
कुल 304 वनडे मैच में 36.55 की औसत से 8701 रन
कुल टी20 के 58 मैच में 1177 रन
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