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ENG vs AUS Test 2021: इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेट का मुकाबला भी भारत-पाक मैच की ही तरह ही देखा जाता है। मुकाबले में दोनों ही टीमें जीत के लिए झूझती है। वर्तमान में खेले जा रहे ब्रिसबेन टेस्ट के दूसरे दिन आईसीसी के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए देखी गई। इसके बाद लोग जमकर आईसीसी की आलोचना कर रहे हैं। जिन नियमों को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के लिए बनाया गया था, उन्ही नियमों को ताक पर रखकर यह मैच खेला जा रहा है। इंग्लैंड के गेंदबाज बेन स्टोक्स ने अपने शुरुआती पांच ओवर मे ही 14 नोबॉल फेंक दी थी, जिसे ना तो ऑनफील्ड अंपायर और ना ही टीवी अंपायर ने नोबॉल करार दिया। नोबॉल की जानकारी तब पता चली तब स्टोक्स की गेंद पर डेविड वार्नर आउट हुए। इस विकेट के रिप्ले में बेन स्टोक्स के पैर लाइन से आगे जाने के चलते नोबॉल दिया गया। इसके बाद आधिकारिक ब्रॉडकास्टर चैनल-7 ने जांच शुरू की तो पता चला की इससे पहले भी स्टोक्स ने कई नोबॉल डाली है।
आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के बनाये गए नियमों के अनुसार यह तीसरे अंपायर की जिम्मेदारी है कि वो प्रत्येक बॉल पर गेंदबाज का पैर चैक करे। लेकिन बाद में पता कि तीसरे अंपायर को तो तकनीकी सुविधा ही नहीं दी गई। यह मैच तो उन पुराने नियमों के तहत ही खेला जा रहा है जिसमें विकेट लेने वाली गेंद को ही देखा जाता है। चैनल-7 को बेन स्टोक्स के सभी पांच ओवरों की जांच करने पर पता चला कि उनका पैर 14 बार लाइन से आगे था। अगर स्टोक्स को पहली नोबॉल पर बता दिया जाता तो डेविड वार्नर महज 17 रन पर पवेलियन लौट जाते।
आईसीसी ने 2019 में बनाये नियम
आईसीसी ने पहली बार साल 2019 में ट्रायल के रूप में टीवी अंपायर को नोबॉल चैक करने का अधिकार दिया था। इसे नियमित रूप से वर्ष 2020 में पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच खेली गई सीरीज में लागू कर दिया गया। आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2021-23 के नियमों में साफ़ है कि तीसरे अंपायर को हर बॉल चेक करनी होगी।
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