वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार 90 के दशक के बाद पहली बार मिडिल क्लास कम होती जा रही है। लगभग नौ करोड़ लोग जो मिडिल क्लास का हिस्सा थें, वो अब गरीब हो रहे हैं और इसकी सबसे ज्यादा मार भारत में देखने को मिली है। वहीं दुनिया भर में मिडिल क्लास का आंकड़ा करीब 2.5 अरब हो गया है और सीएमईई के अनुसार बेरोजगारी दर 27.1% पर पहुंच गया है।
बता दें कि लगभग तीन करोड़ बीस लाख लोग जो 20 हजार से 45 हजार तक कमाते थे वो अब गरीबी रेखा में आ गए हैं और जिनकी कमाई 45 हजार से एक लाख तक की है, उनकी गिनती अब अपर मिडिल क्लास में होगी। वहीं भारत में 2011 से लेकर 2019 तक जो गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोग थे। जिनकी तादाद लगभग 34 करोड़ थी, जोकि घटकर 7 करोड़ 80 लाख हो गई थी। उनमें एक साल में ही साढ़े सात करोड़ लोग और जुड़ गए हैं।
कोरोना काल में करीब 3.2 करोड़ लोगों को निम्र आयु वर्ग में धकेला गया है। वहीं कोरोना काल में चीन के मुकाबले भारत में गरीबी ज्यादा बढ़ गई है। इसी के साथ आज का सबसे बड़ा सवाल में हम एंकर संदीप चौधरी के साथ जानेंगे कि क्या मिडिल क्लास पर टूटा कोरोना का कहर? और क्या देश में गरीब और गरीब और अमीर और अमीर होते जा रहे हैं? यह हम जानेंगे जाने-माने दिग्गजों की जुबानी।
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