विशाल एंग्रीस। चंडीगढ़। सड़क सुरक्षा की जरूरत को देखते हुए इस बार सड़क सुरक्षा जागरूकता मुहिम एक हफ्ते की जगह एक महीना चलेगा। यहां पंजाब भवन में एक उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए और सड़क सुरक्षा जागरूकता मुहिम का आगाज किया गया। इस मौके पर ट्रांसपोर्ट मंत्री रजिया सुल्ताना ने सड़कों को और ज्यादा सुरक्षित बनाने पर जोर दिया। उन्होंने दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहनने, वाहनों को गति सीमा में चलाने और सड़क नियमों का पालन करने के लिए लोगों को जागरूक करने पर भी जोर दिया।
उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि पंजाब में सड़क हादसों में होने वाली मौतों की दर राष्ट्रीय दर के मुकाबले करीब दोगुनी है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि कानून को सख्ती के साथ लागू करने की अपेक्षा वाहन चालकों को खुद ट्रैफिक नियमों का पालन करना चाहिए। क्योंकि ये लोगों की जिंदगी से जुड़ा मामला है। उन्होंने कहा कि सड़कों पर घूमते आवारा पशुओं को गौशालाओं तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासकों को समाज सेवी संस्थाओं की मदद लेनी चाहिए। इससे सड़क हादसों में भी कमी आयेगी और सड़कों पर घूमते आवारा पशु भी सुरक्षित होंगे।
ट्रांसपोर्ट मंत्री ने सड़क सुरक्षा जागरुकता को एक लोक लहर बनाने के लिए सभी सम्बन्धित विभागों को निर्देश भी जारी किए हैं। उन्होंने पुलिस विभाग, स्थानीय निकाय विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पीडब्ल्यूडी, पंजाब मंडी बोर्ड, उच्च शिक्षा विभाग, स्कूली शिक्षा विभाग, एसडीएम्ज और आरटीएज आदि को 17 फरवरी तक चलने वाली सड़क सुरक्षा जागरूकता मुहिम के दौरान किए जाने वाले प्रमुख कार्यों से भी अवगत करवाया। इनमें ड्राइवरों के हेल्थ चेकअप कैंप लगाने, ड्राइवर टेस्ट ट्रैकों की चैकिंग, लोगों को सड़क नियमों से अवगत करवाने के लिए जागरूकता कैंप, स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए सेमिनार या लैक्चर, ट्रैफिक और सड़कीय लाइटों की जांच आदि प्रमुख गतिविधियां हैं।
इस मौके पर ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारियों ने ट्रांसपोर्ट मंत्री को बताया कि सड़क सुरक्षा उपायों को सही ढंग से लागू करने के लिए पुलिस और ट्रांसपोर्ट विभाग की तरफ से एकत्रित की गई 50 प्रतिशत कंपाउंडिंग फीस /जुर्मानों को बदल कर एक गैर मियादी (नॉन-लैप्सएबल) रोड सेफ्टी फंड बनाया गया है। इस समय राज्य में सड़क सुरक्षा उपकरणों की खरीद और विभिन्न सड़क सुरक्षा उपाय करने के लिए 40.52 करोड़ रुपए का नॉन-लैप्सएबल रोड सुरक्षा फंड है। इस नॉन-लैप्सएबल रोड सेफ्टी फंड में से मुहैया करवाए गए फंडों से विभिन्न सड़क सुरक्षा उपकरणों जैसे कि ब्रीद ऐनालाइजर, बैरीकेड्स, लेजर स्पीड गन, सीसीटीवी कैमरे, कार बॉडी कटर आदि खरीदने का फैसला लिया गया है। इन उपकरणों को इन्फोर्समेंट एजेंसियों को सप्लाई किया जायेगा।
इसके अलावा सड़क सुरक्षा के मुद्दों को तेज ढंग से सुलझाने के लिए ट्रैफिक पुलिस के साथ प्रभावशाली तालमेल बनाने के उद्देश्य से चीफ इंजीनियर सड़क एवं पुलिस विकास बोर्ड (पी.आर.बी.डी.बी) को मुख्य इंजीनियर सड़क सुरक्षा नियुक्त किया गया है। पी.आर.बी.डी.बी. कई सड़कों की सुरक्षा के कार्य भी करेगी जैसे कि ब्लैक स्पॉट और अन्य कमजोर सड़क हिस्सों को सुधारने, पुलों की मरम्मत करना, वॉटर कोर्सों और पहाड़ी सड़कों पर पुल बनाना आदि प्रमुख हैं।
ट्रांसपोर्ट मंत्री को बताया गया कि अब तक राष्ट्रीय राजमार्गों और राजमार्गों पर 391 ब्लैक स्पॉट की पहचान की गई है, जिनमें से 32 ब्लैक स्पॉट की जांच मुख्य इंजीनियर, पी.आर.बी.डी.बी. द्वारा की गई है और उनके सुधार के लिए फंड सड़क सुरक्षा फंड में से जारी किये जा रहे हैं।
काबिलेगौर है कि एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा राज्य की सभी सड़कों का तीसरे पक्ष के द्वारा सड़क सुरक्षा ऑडिट करवाने और सभी बड़े सड़क हादसों की क्रैश जांच जैसे कि गलत सड़क स्थिति, लागू करने के उपायों की कमी, दोषपूर्ण वाहन या चालकों में नुक्स आदि का भी प्रस्ताव है।
इस मौके पर प्रमुख सचिव ट्रांसपोर्ट के. सिवा प्रसाद, डीजी (लीड एजेंसी) वैंकटरतनम, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव हुस्न लाल, ट्रैफिक़ सलाहकार नवदीप असीजा, ट्रांसपोर्ट विभाग और सम्बन्धित विभागों के उच्च अधिकारी उपस्थित थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा जिलों के डिप्टी कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर, एसएसपी, आरटीओ ने शिरकत की।
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