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नई दिल्ली: पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें बढ़ सकती है। नवजोत सिंह सिद्धू पर 34 साल पहले रोडरेज के दौरान गैर इरादतन हत्या के दर्ज मामले में सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में सिद्धू को मात्र एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद पीड़ित पक्ष ने इस पर पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई 2018 को इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के उस फैसले को दरकिनार कर दिया था जिसमें उन्हें गैर इरादतन हत्या का दोषी करार देकर तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने सिद्धू को एक वरिष्ठ नागरिक को चोट पहुंचाने का दोषी माना था। और उन पर 1000 रुपए का जुर्माना लगाया था।
गौरतलब है कि सितंबर 2018 में शीर्ष अदालत मृतक के परिवार की समीक्षा याचिका का परीक्षण करने को राजी हो गई थी और सिद्धू को नोटिस जारी किया था। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर एवं न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की विशेष पीठ गुरुवार को समीक्षा याचिका पर विचार करेगी।
अभियोजन के मुताबिक सिद्धू और संधू 27 दिसंबर 1988 को पटियाला के शेरनवाला गेट चौराहे के समीप सड़क के बीच खड़ी जिप्सी में बैठे थे तथा संबंधित बुजुर्ग एवं दो अन्य पैसे निकालने के लिए बैंक जा रहे थे। जब वे लोग चौराहे पर पहुंचे तब मारुति कार चला रहे गुरनाम नामक एक व्यक्ति ने सिद्धू एवं संधू से जिप्सी को बीच सड़क से हटाने को कहा। इस पर दोनों पक्षों में गर्मागर्म बहस हो गई। निचली अदालत ने सितंबर 1999 में सिद्धू को हत्या के आरोपों से बरी कर दिया था।
आपको बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू फिलहाल कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष हैं और राज्य में 20 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने वाला है।
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