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News24
नई दिल्ली: गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड और पंजाब समेत उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के मुहाने पर खड़े हैं। लेकिन इन चुनावों पर कोरोना संक्रमण का साया मंडरा रहा है। इसके मद्देनज़र चुनाव आयोग ने इन चुनावों में किसी भी तरह की रैली या जनसभा पर रोक लगा दी है, ताकि भीड़ इकट्ठी ना हो सके और संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। लेकिन बीते कुछ दिनों में विभिन्न दलों के नेताओं इन नियमों को ताक पर रखने के आरोप लगे हैं।
इन नेताओं की फेहरिस्त में अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंजाब के शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजिठिया का भी नाम शामिल हो गया है।
गौरतलब है कि सीएम बघेल अपने कुछ सहयोगियों के साथ उत्तर प्रदेश के नोएडा में कांग्रेस प्रत्याशी पंखुड़ी पाठक के प्रचार में पहुंचे थे, जहां उन्होंने डोर टू डोर कैंपेन किया था। लेकिन इस दौरान उन पर कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन का आरोप लगाया है। इस संबंध में गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने बयान जारी कर कहा है कि सीएम बघेल के खिलाफ COVID मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
ऐसा ही कुछ आरोप पंजाब के कद्दावर नेता बिक्रम सिंह मजीठिया पर भी लगा है। ADCP सिटी 1 नवजोत सिंह के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने लिखा है कि 'फ्लाइंग स्क्वायड टीम के मजिस्ट्रेट मंजित कुमार ने पत्र भेजकर बताया कि जब वे गोल्डन गेट पर तैनात थे तो वहां SAD के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया खुली गाड़ी में आए। वहां 200-250 लोग मौज़ूद थे। इस दौरान कोविड नियमों का उल्लंघन किया गया। सिंह के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है।'
गौरतलब है कि इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी एक वर्चुअल रैली के दौरान कार्यकर्ताओं की भीड़ इकट्ठी करने के आरोप लगा था। इस कार्यवाही करते हुए चुनाव आयोग ने सपा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
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