न्यूज 24 ब्यूरो, नई दिल्ली (13 जनवरी): आम आदमी के घर की रसोई पर मंहगाई की सीधी मार हो रही है क्यों कि अब रिटेल इनफ्लेशन ने मोदी सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा खोल दिया है। आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार एक समस्या से निपटते हैं तो दूसरी समस्या मुंह बाये खड़ी हो जाती है। इस बार खुदरा मंहगाई के आंकड़ों ने मोदी सरकार की नींद हराम कर दी है। दिल्ली के विधानसभा चुनावों के बीच खुदरा मंहगाई के आंकड़े बड़ी बीजेपी के राह की बड़ी बाधा दिखाई दे रहे हैं। दरअसल, दिसंबर महीने में खुदरा महंगाई बढ़कर 7.35 फीसदी पर पहुंच गई। यह इसका पांच साल से अधिक सबसे ऊंचा स्तर है। इससे पहले यह जुलाई, 2014 में खुदरा महंगाई दर 7.39 फीसदी पर पहुंच गई थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2018 में यह 2.11 फीसदी पर थी। नवंबर 2019 में खुदरा महंगाई दर 5.54 फीसदी थी। एक महीने में महंगाई दर में 1.81 फीसदी का जबर्दस्त उछाल आया है। साल-दर-साल आधारित महंगाई दर में करीब 5.24 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
जुलाई 2016 के बाद दिसंबर 2019 पहला महीना है जब महंगाई दर रिजर्व बैंक के अपर लिमिट (2-6 फीसदी) को पार कर गया है। अक्टूबर महीने में महंगाई दर 4.62 फीसदी थी जो नवंबर महीने में बढ़कर 5.54 फीसदी पर पहुंच गई थी। पिछले कुछ महीने से प्याज की कीमत आसमान छू रही है। दिसंबर महीने में कई सप्ताह तक प्याज 150 रुपये किलो तक बिक रहा था। अभी भी प्याज का मार्केट रेट 60 रुपये किलो के करीब है। महंगाई दर में तेजी के पीछे महंगा प्याज भी एक बड़ा कारक माना जा रहा है।
डेटा के मुताबिक, फूंड इंफ्लेशन दिसंबर महीने में बढ़कर 14.12 फीसदी पर पहुंच गई। नवंबर महीने में यह 10.01 फीसदी पर थी। केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक से महंगाई दर 4 फीसदी रखने को कहा है साथ ही 2 फीसदी ज्यादा और कम मार्जिन है, यानी उच्च स्तर 6 फीसदी और निम्न स्तर 2 फीसदी तक होना चाहिए।
Images Courtesy: Google
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.