इंद्रजीत सिंह, मुंबई: मुंबई में अगले साल महानगरपालिका (BMC) चुनाव होने हैं लेकिन तमाम राजनीतिक पार्टियां अभी से चुनावी रणनीति बनाने और वोटरों को रिझाने में जुट गई है। कांग्रेस तो पदयात्रा तक शुरू कर दी है, जो एक महीने तक चलेगी। बीएमसी के चुनाव में उत्तर भारतियों का अहम रोल रहता है। लिहाजा तमाम पार्टियों की इन पर नजर होती है।
इस बीच राज्य के पूर्व गृहमंत्री कृपाशंकर सिंह का कहना है कि राजनीतिक पार्टियां उत्तर भारतीयों को अपना वोट बैंक समझने की भूल न करें, क्योंकि वहां के लोग उत्तर देना अच्छी तरह से जानते हैं। दरअसल दर्जनों उत्तर भारतीय नेताओं की उपस्थिति में महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह ने 'परिश्रम' संकल्प यात्रा शुरु की है। इसका मकसद मुंबई और उसके आसपास रह रहे लोगों की समस्या समझना और एक लाख लोगों तक पहुंचना है।
दरअसल मुंबई में उत्तर भारतीय समाज परिश्रमी है, इसलिए इसका नाम परिश्रम रखा गया है। इस अभियान में लोग अपना 100 रूपए का योगदान भी कर रहे हैं। कृपाशंकर सिंह के मुताबिक आज का हिंदी भाषी समाज के लोग हर क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका अदा कर रहा है। उसके पास उपलब्धियों और संसाधनों की कमी नहीं है। इसलिए जरूरत है कि उन लोगों की मदद हो जो कुछ लोग कोरोना संकट में परेशान हो गए जिनकी नौकरी चली गई। इस अभियान में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री चंद्रकांत त्रिपाठी, पूर्व मंत्री रमेश दुबे, पूर्व विधायक राजहंस सिंह, एडवोकेट अखिलेश चौबे समेत अनेक गणमान्य उत्तर भारतीय हिस्सा ले रहे हैं। लेकिन लोग इस अभियान को बीएमसी चुनाव से पहले उत्तर भारतीयों की लामबंदी के तौर पर देख रहे हैं।
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