नई दिल्ली (21 अप्रैल): महात्मा गांधी की पोती तारा गांधी भट्टाचार्य को फ्रांस की तरफ से एक शीर्ष सम्मान 'द ऑर्डर ऑफ आर्ट्स एंड लेटर्स' दिया गया है। उन्हें यह सम्मान शांति, एकता, संस्कृति, शिक्षा और विकास के प्रसार के लिए अपना योगदान देने के लिए किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद की तरफ से भारत आए फ्रांस के राजदूत फ्रांस्वा रिशियर ने तारा गांधी भट्टाचार्य को नई दिल्ली में बुधवार को यह सम्मान दिया।
सम्मान ग्रहण करने के बाद भट्टाचारजी ने कहा कि "गांधी की नि़डरता को सीखने की जरूरत है। गांधी की निडरता अलग थी। वह प्रेम और करुणा से बने थे। मुझे याद है उनका कमरा और उनके दरवाजे हमेशा खुले रहते थे। किसी को उनसे मिलने के लिए अप्वाइंटमेंट लेने की जरूरत मुश्किल से ही होती थी।"
उन्होंने कहा, "मुझे याद है कि राजनेता उनके कमरे में आकर कहते कि वे उनके नजरिए से असहमत हैं। वे शायद ही अपना नजरिया बदलते थे, लेकिन उनके दोस्त जरूर बन जाते थे। ऐसी ही निडरता की आज हमें जरूरत है।" दूतावास की तरफ से बयान में कहा गया, "यह सम्मान तारा गांधी भट्टाचार्य की तरफ से शांति, एकता, संस्कृति, शिक्षा और विकास के क्षेत्र में उनकी प्रतिबद्धता के लिए किया गया है। इस तरह उन्होंने अपने दादा की विरासत को आगे बढ़ाया।"
तारा गांधी भट्टाचार्य दिवंगत देवदास गांधी और दिवंगत लक्ष्मी देवदास गांधी की बेटी हैं। वह दिवंगत ज्योति प्रसाद भट्टाचार्य की पत्नी हैं। ज्योति प्रसाद एक जाने माने स्तंभकार थे। पिछले 28 सालों से वह कस्तूरबा गांधी नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट के साथ काम कर रही हैं। जो महात्मा गांधी ने अपनी पत्नी की स्मृति में स्थापित किया था। जिससे जरूरतमंद महिलाओं और ग्रामीण भारतीय बच्चों को सेवाएं प्रदान की जा सके।
फ्रांस की तरफ से पूर्व में यह सम्मान भारती खेर, सुबोध गुप्ता, शाहरुख खान, पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, ऐश्वर्य राय, रघु राय, इब्राहिम अलकाज़ी, हबीब तनवीर और उपमन्यु चटर्जी को दिया गया।