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होशंगाबाद। मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में मध्य प्रांत का विद्यार्थी परिषद का अधिवेशन संपन्न हुआ। इस मौके पर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार सहित नर्मदा महाविद्यालय में 18 जिलों के 250 विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता व पदाधिकारी शामिल रहे। कार्यक्रम का आयोजन नगर के नर्मदा कॉलेज परिसर में किया गया।
इस दौरान शिक्षा मंत्री ने कहा कि अंग्रेजों ने भारत की पुरानी शिक्षा व्यवस्था को बंद कर गुलामाी की शिक्षा शुरू की, यह शिक्षा आजादी के इतने वर्ष बाद भी जारी रही। अब नई शिक्षा नीति देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरू कर रहे हैं। हमारे आजादी के कई सेनानियों के नाम आजादी की लड़ाई के पन्नों से गायब रहे। उन्होंने कहा कि 2 फरवरी 1833 का मेकाले शिक्षा के बदलने के स्वरूप को पढ़ लें।
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अव्वल दर्जे में शामिल होंगे प्रदेश के स्कूल
मंत्री ने बताया कि पूरे देश में नई शिक्षा नीति- 2020 ही लागू हुई है। हम उसी के अनुसार परिवर्तन कर रहे हैं। लोगों का राज्य के सरकारी स्कूलों में अब विश्वास भी बढ़ने लगा है। एक बार फिर से वैभव शाली सक्षम भारत का निर्माण करने में प्रधानमंत्री लगे हुए हैं। शिक्षा नीति को लागू करने में जल्दबाजी न की जाए। इसी वर्ष से 360 स्कूलों को सर्व सुविधा युक्त बनाने का प्रयास कर रहे हैं। आने वाले समय में 10 हजार स्कूलों को सर्व सुविधा युक्त किया जा रहा है, ताकि प्रदेश के स्कूल अव्वल दर्जे में शामिल हो सके।
गुरुवार से अधिवेशन की हुई थी शुरुआत
बता दें कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 54वे प्रांतीय अधिवेशन का शुक्रवार को अंतिम दिन था, जिसमें स्कूल शिक्षा मंत्री समेत कई दिग्गज शामिल रहे। इस कार्यक्रम की शुरुआत गुरुवार से हुई थी, जिसका शुभारंभ महान कवि माखनलाल चतुर्वेदी को समर्पित प्रदर्शनी के उद्घाटन से किया गया।
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